नईदिल्ली ; इन 5 आइटम्स से पतंजलि बनी दिग्गज कंपनी
नईदिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एक दशक पहले एफएमसीजी सेक्टर में छोटी सी फर्म के तौर पर पहचान रखती थी। अब यह स्वेदशी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर समेत कई दिग्गज कंपनियों से कड़ा मुकाबला कर रही है। फाइनैंशल इयर 2017 में बाबा रामदेव की कंपनी ने 10,561 करोड़ रुपये की सेल के साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुकाबले एक तिहाई का कारोबार किया।
गाय का घी
पतंजलि ने गाय के घी के बिक्री से 1,467 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जुटाया। घी के संगठित बाजार में पतंजलि का सीधा मुकाबला दिग्गज दुग्ध कंपनी अमूल से है। एक शोध के मुताबिक घी के कुल कारोबार में ब्रैंड्स की हिस्सेदारी 44 फीसदी के करीब है। पतंजलि के घी की देश के तमाम क्षेत्रों में तगड़ी मौजूदगी है। घी के कारोबार में पतंजलि की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। इसके बाद अमूल, कृष्णा, मिल्मा, नंदिनी और बीआरबी हैं।
दंत कांति टूथपेस्ट
पतंजलि आयुर्वेद ने दंतकांति मंजन की सेल से 940 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया है। कंपनी का कहना है कि बीते साल मार्च में मार्केट में उसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी की थी। पतंजलि के उभार के चलते ही टूथपेस्ट मार्केट की दिग्गज कंपनियों कोलगेट और डाबर का शेयर 2016 में 57.4 पर्सेंट से घटकर 55.6 पर्सेंट पर आ गया है।
आयुर्वेदिक दवाइयां
पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाइयों की बिक्री से 870 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। डाबर के मुकाबले यह 4 गुना के करीब है, जो इस सेक्टर में उसकी सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी कंपनी है।
केशकांति शैम्पू
पतंजलि के कुल राजस्व में केशकांति शैम्पू का योगदान 825 करोड़ रुपये है। हालांकि शैम्पू के कारोबार में 45 फीसदी शेयर के साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप पर है।
साबुन
पतंजलि ने हर्बल सोप सेगमेंट से 574 करोड़ रुपये का राजस्व पाया है। लाइफबॉय बनाने वाले हिंदुस्तान यूनिलीवर ने इस सेगमेंट में भी पहला स्थान कब्जा रखा है। इसके बाद निरमा, गोदरेज और आईटीसी हैं।