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बलरामपुर जिले में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने प्रशासन विकास और रोजगार को बढ़ावा दे रहा है विकास से विश्वास कार्यक्रम की पहल की है प्रशासन ने

बलरामपुर। जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए प्रशासन विकास और रोजगार को बढ़ावा दे रहा है। पिछले कुछ दिनों में सिलसिलेवार ढंग से प्रशासन व पुलिस ने इन इलाकों में विकास कार्यों को गति दी है। मनरेगा के माध्यम से श्रममूलक कार्यों को स्वीकृति देकर स्थानीय रहवासियों को रोजगार दिया जा रहा है। “विकास से विश्वास” की पहल द्वारा प्रशासन ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने की कवायद शुरू की है और प्रारंभिक रूप से लोगों को रोजगार में नियोजित किया जा रहा है।

चुनचुना-पुंदाग घने जंगल व पहाड़ी पर बसा विकासखण्ड कुसमी का दूरस्थ नक्सल प्रभावित इलाका है। मुख्यालय से 65 किमी दूर चुनचुना-पुंदाग में निवासरत लोगों की आय का प्रमुख जरिया कृषि है और मौसम पर ही इनकी पूरी खेती निर्भर है। खरीफ की फसल के बाद रोजगार न मिलने से काम की तलाश में वे शहर की ओर पलायन कर जाते थे। इन समस्याओं से अवगत होने के बाद प्रशासन ने मनरेगा के माध्यम से न केवल उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया बल्कि उनको शासन की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित कर रहा है।

जिसका परिणाम हुआ कि गांव के लोग काम की तलाश में बाहर नहीं जा रहे हैं तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से उनमें खुशी है और वे उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। मनरेगा के तहत् ग्राम पंचायत में कुल 207 परिवारों का जॉब कार्ड जारी किया गया है। जिसमें 187 जॉब कार्ड तथा 661 मजदूर सक्रिय हैं व वर्तमान में 155 मजदूर कार्यरत हैं। मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुंदाग में पर्याप्त हितग्राही मूलक कार्य को भी स्वीकृित दी गई है, जिसमें 38.76 लाख रूपए के विभिन्न कार्य प्रगतिरत् है। तालाब, सामुदायिक कूप, डबरी तथा स्व सहायता के लिए सेग्रीगेशन सेन्टर का कार्य मनरेगा के माध्यम से संचालित है।

वर्तमान में 155 मजदूर कार्यरत हैं और उनका मजदूरी भुगतान छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक सामरी के माध्यम से सीधे उनके खाते में किया जा रहा है। साथ ही बैंक सखी के द्वारा श्रमिकों को नगद भुगतान भी किया जाता है। ग्राम पंचायत पुंदाग में आबादी की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार 1 हजार 67 लोग निवासरत हैं, जिसमें 550 पुरूष व 517 महिलाएं हैं। कुल जनसंख्या में से 734 लोग अनुसूचित जनजाति तथा 333 लोग सामान्य वर्ग के हैं।

प्रशासन का उद्देश्य है कि लोग विकास के साथ जुड़कर शांति स्थापित करने की ओर आगे बढ़ें। प्रशासन और पुलिस इन इलाकों में पिछले कुछ दिनों में उल्लेखनीय कार्य किये है। लोगों से सीधे संवाद के उद्देश्य से एसडीएम की अगुवाई में प्रशासनिक टीम ने चुनचुना-पुंदाग में विशेष शिविर लगाकर लोगों की समस्याएं सुनी और उसका त्वरित निराकरण भी किया। चुनचुना-पुंदाग में भी लोगों का कोविड वैक्सीनेशन कराया गया, राशन, पेंशन की समस्या दूर की गई और अब उन्हें मनरेगा के माध्यम से रोजगार प्रदान करने की कवायद शुरू हुई है।

धीरे-धीरे प्रशासन इन इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है और लोगों के “विकास से विश्वास और उससे शांति व सौहार्द्र स्थापित करने की ओर अग्रसर हैं। जिले के कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने बताया कि चुनचुना-पुंदाग में क्रमिक रूप से विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि लोग प्रशासन के साथ आये और अंतिम छोर के इस गांव में भी शांति स्थापित हो सके।

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