सीमेंट जमाकर नीले ड्रम में फिर मिली लाश, कातिल 20 महीने बाद गिरफ्तार

यूपी के आगरा जिले के मलपुरा गांव में 20 महीने पुराने ब्लाइंड मर्डर केस का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। फरवरी 2024 में खेत के किनारे एक बुरी तरह जला शव नीले ड्रम में मिला था, जिसकी पहचान पहले नहीं हो सकी थी। डीएनए जांच के बाद पता चला कि वह लाश गांव के ही राकेश सिंह की थी। हत्या का कारण, ब्लैकमेलिंग करना और परिवार की इज्जत से जुड़ा था।
सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर का पूरा खुलासा
हत्या का तरीका
राकेश की हत्या तार और मफलर से गला घोंटकर की गई थी। उसके बाद लाश को नीले रंग के ड्रम में भरकर, पेट्रोल डालकर जला दिया गया ताकि पहचान मिट सके। मौके पर राकेश की बाइक भी बरामद हुई थी। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसके अपने परिवार वाले भी पहचान नहीं कर सके। फॉरेंसिक डीएनए टेस्ट के जरिए शव की पहचान राकेश के तौर पर हुई.
कातिल कौन था?
पुलिस जांच में पता चला कि हत्या राकेश के ही रिश्ते के फूफा देवीराम और उसके एक भतीजे ने की थी। देवीराम की बेटी के नहाते हुए वीडियो राकेश ने चोरी-छिपे बना लिए थे और वो लगातार देवीराम को ब्लैकमेल कर रहा था। इसी ब्लैकमेलिंग, बदला और डर के चलते देवीराम ने हत्या की साजिश रची.
वारदात की कहानी
18 फरवरी 2024 की रात देवीराम ने राकेश को अपनी मिठाई दुकान पर बुलाया और मौका देखकर गला घोंट दिया। भतीजे की मदद से लाश को ड्रम में भरकर, खारी नदी के पास सुनसान जगह ले जाकर पेट्रोल डाल कर जला दिया। पहचान मिटाने के लिए राकेश का मोबाइल और कपड़े भी नदी में फेंक दिए गए.
शव की पहचान में सबसे बड़ी चुनौती थी। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने शक के आधार पर देवीराम को हिरासत में लिया, उसके मोबाइल से कुछ ऑडियो क्लिप्स बरामद हुए और पूछताछ में उसने सारा सच उगल दिया। देवीराम और उसका भतीजा हत्या के बाद दिल्ली भाग गए थे, अब पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि भतीजा अभी फरार है