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गांव-गांव पहुंच रहा आयुर्वेद का उजाला: नि:शुल्क शिविरों में इलाज, परामर्श और जीवनशैली सुधार की पहल

रायपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने और जनस्वास्थ्य को प्राकृतिक तरीके से बेहतर करने की दिशा में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग ने एक सराहनीय कदम उठाया है। विभाग की ओर से गांव-गांव जाकर आयोजित किए जा रहे नि:शुल्क आयुर्वेदिक शिविरों में न केवल मरीजों का उपचार किया जा रहा है, बल्कि उन्हें आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

इन शिविरों में मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार उचित परामर्श दिया जा रहा है, साथ ही परहेज और आहार संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की जा रही है। आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ-साथ शास्त्रसम्मत और पेटेंट औषधियां भी नि:शुल्क वितरित की जा रही हैं।

आधुनिक जीवनशैली की चुनौतियों का समाधान आयुर्वेद में

आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. अजय नायक ने बताया कि शिविरों में मौसम के अनुसार आहार-विहार, दैनिक दिनचर्या, योगासन और आयुर्वेदिक जीवनशैली के सिद्धांतों की जानकारी दी जा रही है। इसका उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ देना है।

जुलाई में 327 ग्रामीणों ने पाया लाभ

जुलाई माह में आयोजित शिविरों में कुल 327 ग्रामीणों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। इनमें रनभाटा से 41, जिलाडी से 34, बारडोली से 94, बोदा से 61 और चनघोरी से 97 मरीज शामिल रहे।

बुनगा केंद्र बन रहा आयुर्वेदिक जागरूकता का केंद्रबिंदु

बुनगा केंद्र में हर माह जीवनशैली में बदलाव हेतु विशेष सत्र, औषधीय पौधों की जानकारी, मितानिनों का प्रशिक्षण, नियमित योगाभ्यास, गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) की स्क्रीनिंग और अन्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह पहल न केवल लोगों को स्वस्थ बना रही है, बल्कि ग्रामीण जनजीवन में आयुर्वेद को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित कर रही है।

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