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नाम ऐसा कि बोलने में भी लगे झिझक! स्वीडन के एक गांव की अनोखी मुश्किल

“नाम में क्या रखा है?” — ये कहावत तो सबने सुनी है, लेकिन अगर नाम ही आपकी सोशल मीडिया पोस्ट उड़वा दे या लोगों के चेहरे पर मुस्कान नहीं, बल्कि शर्म की लाली ले आए, तो फिर मामला गंभीर हो जाता है।

स्वीडन के एक छोटे से गांव ‘Fucke’ के लोग आजकल कुछ इसी अजीबोगरीब परेशानी से जूझ रहे हैं। गांव का नाम ऐसा है कि सुनते ही अंग्रेजी जानने वालों के चेहरे पर या तो हंसी फूट पड़ती है या नज़रें झुक जाती हैं।

नाम ऐसा कि फेसबुक भी मना कर दे!

गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें अपना पता बताते समय झिझक होती है। कई बार तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक उनके गांव के नाम को “अश्लील” मानकर सेंसर कर देते हैं। विज्ञापन पोस्ट करना तो दूर, किसी को लोकेशन बताना भी मुसीबत बन गया है।

अब नाम बदलकर शांति की तलाश

इस समस्या से परेशान होकर गांववालों ने अब आवाज़ उठाई है — नाम बदलो! उनकी चाहत है कि उनके गांव को अब “Dalsro”, यानी “शांत घाटी” के नाम से जाना जाए। एक सुकून भरा नाम, जो न शर्म दिलाए और न हंसी उड़वाए।

लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है। स्वीडन की नेशनल लैंड सर्वे अथॉरिटी को यह तय करना है कि नाम बदलेगा या नहीं। मजेदार बात ये है कि इससे पहले एक और गांव Fjuckby ने भी इसी तरह की शिकायत की थी, लेकिन उसका नाम बदलने की अनुमति नहीं दी गई थी। वजह? “इतिहास से छेड़छाड़ नहीं कर सकते!”

गांव छोटा, लेकिन मुद्दा बड़ा

इस गांव में सिर्फ 11 परिवार रहते हैं, लेकिन उनकी परेशानी सोशल मीडिया के दौर में कहीं ज्यादा बड़ी हो गई है। अब देखना ये है कि क्या ‘Fucke’ गांव को अपने शर्मिंदगी भरे नाम से छुटकारा मिलेगा या फिर इतिहास के नाम पर उन्हें इसी नाम के साथ जीना पड़ेगा।

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