पाकिस्तान का शर्मनाक सच — ‘दुल्हनों का बाज़ार’

गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम पाकिस्तान का एक और डरावना चेहरा सामने आया है — ‘दुल्हनों का बाजार’।
यहाँ नाबालिग लड़कियों को शादी के नाम पर खरीदा और बेचा जाता है। यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि इंसानियत पर कलंक है।
पाकिस्तान के कई गरीब ईसाई परिवारों की बेटियाँ 12 से 18 साल की उम्र में चीन के दलालों को बेच दी जाती हैं।
कीमत तय होती है उम्र और सुंदरता से — 700 से 3200 डॉलर (लगभग ₹60,000 से ₹2.5 लाख) तक।
इन लड़कियों की किस्मत फिर अंधेरे में खो जाती है — यौन शोषण, मानव तस्करी और अंग व्यापार की खाई में।
CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) ने इस अवैध कारोबार को और आसान बना दिया है।
दोनों देशों के दलाल गाँव-गाँव जाकर गरीब परिवारों को झूठे सपने दिखाते हैं। कई बार तो स्थानीय पादरी भी इस गंदे खेल में शामिल पाए गए हैं।
1979 से 2015 तक चीन में लागू रही ‘सिंगल चाइल्ड पॉलिसी’ ने लड़कियों की भारी कमी पैदा कर दी।
अब वहीं की कमी पाकिस्तान की बेटियों के दर्द का कारण बन गई है।
यह बाजार अब केवल एक देश की समस्या नहीं — यह मानवता के खिलाफ अपराध है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों को अब चुप नहीं रहना चाहिए।
हर उस लड़की के लिए आवाज़ उठानी होगी जो “शादी” के नाम पर बेची जा रही है।


