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गांव की सरपंच शक्ति को मिला नया संबल: उपमुख्यमंत्री शर्मा बोले– बदलाव की शुरुआत व्यवहार परिवर्तन से

रायपुर। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने महिला सरपंचों का सम्मान करते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में जैसे परिवार की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर होती है, उसी तरह अब गांव भी उनका परिवार है। उन्होंने कहा कि गांव को स्वच्छ, सुंदर और विकसित बनाने के लिए पहले ग्रामीणों की आदतों और व्यवहार में बदलाव लाना जरूरी है। इसके लिए सरपंचों को दृढ़ सेवक बनकर कार्य करने की आवश्यकता है।

विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर नवा रायपुर के एक निजी रिसोर्ट में राज्यस्तरीय महिला सरपंच स्वच्छता सम्मेलन आयोजित किया गया। इसी कार्यक्रम में जनपद पंचायतों के सीईओ कॉन्फ्रेंस की भी शुरुआत की गई।

शर्मा ने कहा कि गांव के विकास के लिए किए गए कार्यों का लाभ ग्रामीणों को मिलता है, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने सरपंचों से ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालयों के उपयोग और उनकी मरम्मत के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्वच्छता केवल अधोसंरचना निर्माण नहीं, बल्कि यह लोगों में स्थायी व्यवहार परिवर्तन का अभियान है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, स्वच्छाग्रहियों और प्रशासनिक टीमों से स्वच्छता यात्रा में सक्रिय भागीदारी की भी अपील की।

देश का पहला स्वच्छ पंचायत मानक-निर्धारण टूल लॉन्च

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ स्वच्छ पंचायत सेवा-स्तर मानक निर्धारण हेतु नए टूल और डैशबोर्ड का शुभारंभ किया गया। यह देश में पहली बार विकसित किया गया टूल है, जिसे सभी पंचायतों में एक साथ लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से पंचायतें अपनी स्वच्छता और जल व्यवस्था का विश्लेषण कर सकेंगी और जवाबदेही भी बढ़ेगी।

‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान की शुरुआत

ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान शुरू किया गया। इसके तहत शौचालयों की नियमित मरम्मत, रंगाई-पुताई और सौंदर्यीकरण के लिए समुदाय को प्रेरित किया जाएगा। इसी क्रम में 15 अक्टूबर से 19 नवंबर 2025 तक ‘स्वच्छ संकल्प अभियान’ भी चल रहा है, जिसमें व्यवहार परिवर्तन पर विशेष जोर दिया गया है।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव निहारिका बारीक, एसबीएम योजना के प्रबंध निदेशक अश्विनी देवांगन, यूनिसेफ के वरिष्ठ जल एवं स्वच्छता विशेषज्ञ सुजोय मजुमदार, सामाजिक व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ डेनिश लार्सेन, जल एवं स्वच्छता विशेषज्ञ श्वेता पटनायक, विशेषज्ञ अभिषेक सिंह सहित बड़ी संख्या में महिला सरपंच मौजूद थीं।

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