देशबड़ी खबरें

नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्ते की पूरी कहानी

नीतीश कुमार का बीजेपी से गठबंधन साल 1996 में शुरू हुआ, जो पहली बार नरेंद्र मोदी की वजह से 2013 में टूट गया. नीतीश ने गुजरात दंगों की वजह से नरेंद्र मोदी को बिहार में चुनाव प्रचार में नहीं आने दिया, लेकिन जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया तब नीतीश कुमार ने नाराज होकर बीजेपी से नाता तोड़ लिया. साल 2014 का चुनाव जब उन्होंने अकेले लड़ा तो उन्हें बिहार में महज 2 सीटें मिली फिर उन्होंने अपनी घोर विरोधी आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 का चुनाव भारी बहुमत से जीते, लेकिन जल्दी ही महागठबंधन से उनका मोह भंग हो गया. तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद 2017 में वो फिर से NDA में चले गए. नीतीश कुमार में ये खासियत है कि वो राजनीति में आने वाली चुनौतियों को पहले ही भाप लेते हैं.नरेंद्र मोदी को टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र सौंप तो दिए हैं, लेकिन ये सरकार कितने दिन तक चलती है यह देखने लायक होगा.

क्योंकि नरेंद्र मोदी को अब तक पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने का तजुर्बा है, लेकिन अब सरकार चलाना पहले की तरह आसान नहीं होगा इसकी मूल वजह यह है कि बीजेपी के कई कोर एजेंडों से नीतीश कुमार की सहमति नहीं रही है.जेडीयू को अग्निवीर योजना पर भी आपत्ति है. वो इसकी समीक्षा चाहती है. इसलिए अब इन फैसलों पर बीजेपी को अपने सहयोगियों की राय लेनी पड़ेगी. दूसरा, भाजपा को नीतीश और नायडू के अतीत को देखते हुए हमेशा यह खतरा बना रहेगा कि वे कब बिदक कर किनारे हो जाएं. वैसे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार कोई भी फैसला अकेले लेने के आदी रहे हैं, इस तरह के स्वभाव से स्थिति बदल सकती है. देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में नीतीश कुमार का NDA को छोड़ने का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है, जिस प्रकार के चुनाव परिणाम आए हैं. उसमें नीतीश कुमार के लिए NDA के साथ रहना फायदेमंद है. इसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए और 2025 का चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाए तो स्थितियां सामान्य रह सकती हैं, लेकिन नीतीश कुमार भले ही इससे इनकार करते हो लेकिन कहीं ना कहीं उनके मन में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने की हसरत तो है ही.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button