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किज़िलेल्मा की घातक सफलता से हिली दुनिया, भारत के लिए बढ़ी चिंता

दुनिया की ड्रोन जंग में तुर्की ने ऐसा इतिहास रचा है जिसे अब तक कोई देश दोहरा नहीं सका था। तुर्की के घातक मानवरहित फाइटर जेट किज़िलेल्मा ने पहली बार हवा में उड़ते एक विमान को रडार-गाइडेड मिसाइल से मार गिराकर सैन्य तकनीक में नई इबारत लिख दी। यह टेस्ट सिनोप तट पर किया गया, जहां किज़िलेल्मा ने स्वदेशी Murad AESA रडार की मदद से लक्ष्य की पहचान की और फिर गोकदोगन Beyond-Visual-Range मिसाइल से दुश्मन विमान को सेकंडों में तहस-नहस कर दिया।

इस उल्लेखनीय सफलता के साथ तुर्की दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने मानवरहित लड़ाकू विमान से हवा में दुश्मन के विमान को सटीकता से गिराने का कारनामा किया हो। यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भविष्य की ‘ड्रोन युद्धनीति’ की शुरुआत है।

किज़िलेल्मा को बनाने वाली कंपनी Baykar पहले ही दुनिया में तुर्की की पहचान बदल चुकी है। कंपनी के CEO राष्ट्रपति एर्दोगन के दामाद हैं, जिससे इस उपलब्धि को राजनीतिक व सामरिक स्तर पर और भी ताकत मिल गई है। रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ट में मिसाइल ने अपने लक्ष्य ड्रोन को सीधे हिट किया और पूरा वीडियो भी जारी किया गया है।

विश्लेषकों का मानना है कि किज़िलेल्मा का स्टील्थ डिज़ाइन इसे रडार पर लगभग अदृश्य बनाता है। यह बहुत लंबी दूरी से ही विरोधी विमान का पता लगा लेता है और बिना पकड़े हमले को अंजाम दे सकता है। यही वजह है कि इसे भविष्य की ‘अनसीन एयर स्ट्राइक पावर’ कहा जा रहा है।

Baykar कंपनी की कमाई सिर्फ दो वर्षों में 2 अरब डॉलर को पार कर चुकी है, जिसमें 90% हिस्सा निर्यात से आता है। यह लगातार चार वर्षों से तुर्की की नंबर-1 डिफेंस और एयरोस्पेस कंपनी बनी हुई है।

इस तकनीकी छलांग ने भारत के रणनीतिक समीकरणों में हलचल पैदा कर दी है। तुर्की पहले ही पाकिस्तान को TB-2 और Akinci जैसे खतरनाक ड्रोन दे चुका है, और किज़िलेल्मा भविष्य में पाकिस्तान की झोली में भी पहुंच सकता है। यह कदम भारत की सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा सकता है। तुर्की ने मालदीव और बांग्लादेश को भी किलर ड्रोन दिए हैं, जिससे उसके दक्षिण एशिया में बढ़ते प्रभाव की झलक मिलती है।

किज़िलेल्मा की क्षमताएँ भी कम नहीं—

6000 किलोग्राम कुल वजन

1500 किलोग्राम तक हथियार ले जाने की क्षमता

स्वदेशी AESA रडार

ToYGUN टार्गेटिंग सिस्टम

हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों तरह के हमलों की ताकत

TCG Anadolu युद्धपोत पर तैनाती की तैयारी

तुर्की का यह ‘अनमैन्ड फाइटर जेट’ अब केवल एक मशीन नहीं, बल्कि आने वाले समय की युद्धनीति का नया चेहरा बन चुका है।

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