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गोवर्धन पूजा पर ये अनोखी परंपराएं आपको हैरान कर देंगी, छग के मुख्यमंत्री तक निभाने के लिए सहते हैं दर्द

ये तो आप सभी जानते हैं कि हिंदुस्तान में हर त्योहार का अपना ही महत्तव है । लेकिन इसके पीछे कई ऐसी बातें छिपी होती हैं, जिसकी वजह से लोग, दशकों से चली आ रही इन अनोखी परंपराओं को आजतक निभाते हैं । फिर चाहे उनसे, लोगों की जान मुश्किल में ही क्यों न आ जाए । आइए आपको गोवर्धन पर होने वाली कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में बताते हैं ।

वैसे  इस त्योहार को मनाने के पीछे श्रीकृष्ण के द्वारा ब्रज के लोगों को मूसलधार बारिश से बचाने का प्रसंग जुड़ा हुआ है । दरअसल मान्यता ऐसी है ब्रजवासियों ले जब इंद्र की पूजा करने के बजाय गोवर्धन की पूजा की तो इंद्र क्रोधित हो गए, और ब्रज पर मूसलाधार बारिश शुरु कर दी थी । इसके बाद श्रीकृष्ण ने गोवर्धन को अपनी उंगली पर उठा लिया, और सात दिनों तक भी जब इंद्र, ब्रज के लोगों को कुछ नहीं कर सके, तब उन्होंने कृष्ण से माफी मांग ली। सातवें दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी ।

गोबर में लिटाने की परंपरा

गोवर्धन पूजा के इस खास दिन गवली समाज के लोग, एक दिन के बच्चे से लेकर युवाओं तक को गोबर से बने गोर्वधन पर्वत पर लिटाते हैं । गवली समाज की मान्यता है कि इससे बच्चों को किसी तरह की बीमारी नहीं होती । यह परंपरा समाज में सैकड़ों वर्षों से प्रचलित है। गोवर्धन पर्वत का बचा हुआ गोबर देव उठनी एकादशी पर लोग अपने-अपने घर ले जाते हैं। इसे रसोई घर और पूजा घर में लीपा जाता है, ताकि घर में सुख समृद्धि और शांति बनी रहे ।

मन्नत पूरी होने पर गायों को ऊपर से निकालना

मध्यप्रदेश के धार जिल में यादव समाज में ये मान्यता है, कि जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है । वे गायों को उनके ऊपर से गुजारते हैं । इसके लिए सुबह से ही लोग मंदिर में इकट्ठा हो जाते हैं । गोहरी पर्व के तहत जिन भक्तों की मन्नत पूरी हो गई है, उनके द्वारा मंदिर की गली में सड़क पर लेटकर कर गाय को उनके ऊपर से गुजारा जाता है ।

पाड़ों की लड़ाई की परंपरा.

यादव समाज से जुड़े हुए लोग इस दिन पाड़ों की लड़ाई भी कराते हैं । इसे देखने के लिए हजारों की तादात में लोगों का हुजूम उमड़ता है । यही नहीं, इनकी लड़ाई देखने आने वाले लोग अपने-अपने पसंद के  पाड़ों पर पैसा तक लगाते हैं । लड़ाई से पहले अहीर समाज के लोग पाड़ों की विधि विधान से पूजा करते हैं, फिर इन्हें सजा धजाकर लड़ाई के मैदान में लाया जाता है । बताया तो यह भी जाता है, कि पाड़े जमकर लड़ें इसके लिए इन्हें शराब का सेवन भी कराया जाता है ।

सोटा खाने की परंपरा.

गोवर्धन पूजा के दिन छत्तीसगढ़ में भी एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, वो है सोटा खाने की परंपरा.  ऐसी मान्यता है, कि इस सोटा खाने से सभी तरह के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं । इस परंपरा का हर साल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री खुद भी निर्वहन करते हैं । आप खुद इस वीडियो में देख सकते हैं,  कि कैसे  छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री एक के बाद एक पूरे आठ सोटा खा रहे है । यही नहीं वे इसका वीडियो भी  अपने सोशल मीडिया पर हर साल शेयर करते हैं ।

गोवर्धन पूजा के दिन हमारे देश में चलने वाली इन परंपराओं के बारे में आप क्या सोचते हैं, और कौन सी परंपरा आपको अच्छी लगी, और किसे आप अंधविश्वास मानते हैं. कमेंट कर जरूर बताएं.

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