Tokyo Olympics : इतिहास रचने के वाली मीराबाई चानू वतन की मिट्टी रखती हैं अपने साथ
नई दिल्ली. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में रजत पदक जीत लिया है । इसके साथ ही उन्होने देश के करोड़ों खेल प्रेमियों के चेहरे पर खुशी भी ला दी है । पदक जीतने के बाद उन्होने कहा कि वह इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.
मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी के बाद देश की दूसरी महिला खिलाड़ी बन गईं. वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक पदक का भारत का दो दशक से जारी इंतजार शनिवार को मीराबाई ने खत्म किया जब 49 किग्रा वर्ग में रजत जीता.
ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय बनीं मीराबाई ने कहा, मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है, यह वेटलिफ्टिंग में हमारा दूसरा पदक है. ‘मैं शब्दों में इसे बयां नहीं कर सकती कि कितना खुश महसूस कर रही हूं. मैं महासंघ, मेरे कोच, परिवार और सभी समर्थकों को धन्यवाद देना चाहती हूं.’
मीराबाई चानू भारत की मिट्टी अपने साथ रखती हैं
मणिपुर की मीराबाई ने आगे कहा कि उन्होंने कहा, ‘मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है और संघर्ष किया, बहुत कुछ बलिदान भी किया. उनका लक्ष्य टोक्यो खेलों में पदक जीतना था और इसलिए उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ा संघर्ष किया. टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतना ही मेरा लक्ष्य था. यह मेरे सपने के सच होने जैसा है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर दी बधाई
पीएम मोदी ने तो मीराबाई से फोन पर बात भी की और उन्हें इस जीत की बधाई दी. उनकी जीत पर कोच विजय कुमार भी बेहद खुश हैं. विजय ने उम्मीद जताई कि यह पदक वेटलिफ्टिंग के भविष्य में देश के लिए पदक लाने के लिए और कई खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा. विजय ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह पदक इस खेल में हिस्सा लेने के लिए और अधिक खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा. भविष्य में हमारे पास और ओलंपिक पदक होंगे.’