बीजापुर में मोर आवास मोर अधिकार अभियान से हजारों परिवारों को उम्मीद

रायपुर। बीजापुर जिले में मोर आवास मोर अधिकार योजना के तहत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब तक 30 हजार से ज्यादा परिवार आवास प्लस सर्वे में शामिल हो चुके हैं। इससे उन्हें पक्के मकान की दिशा में नई उम्मीद मिली है।
सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुंचाने के लिए इस बार एक व्यापक महाअभियान चलाया गया। 2018 में बनी आवास प्लस सूची में जो पात्र लोग छूट गए थे, उन्हें जोड़ने के लिए “मोर दुवार – साय सरकार” थीम पर पूरे प्रदेश में विशेष सर्वे हुआ। बीजापुर में 170 ग्राम पंचायतों में से 165 पंचायतों में सर्वे पूरा किया गया।
पहले जिन पहुंचविहीन गांवों में सुरक्षा कारणों से सर्वे नहीं हो पाया था, वहां भी प्रशासन ने रणनीति बनाकर पहली बार सर्वे कराया। इससे माओवाद प्रभावित दुर्गम इलाकों के जरूरतमंद परिवार भी शामिल हो सके।
जिले में यह काम योजनाबद्ध तरीके से हुआ। जिला प्रशासन ने आवास प्लस सर्वे 2.0 के लिए कार्ययोजना तैयार की। सर्वे की लगातार मॉनिटरिंग और समीक्षा की गई। प्रदेशभर में 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक यह विशेष अभियान चला। अंतिम तारीख 15 मई रखी गई थी, लेकिन बीजापुर से राज्य सरकार को पत्र भेजकर इसे आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया। भारत सरकार ने सर्वे की तारीख 16 जून से 26 जून तक बढ़ा दी।
प्रशासन की सक्रियता और लगातार निगरानी की वजह से बड़ी संख्या में परिवारों को इस बार शामिल किया गया। लक्ष्य साफ है— कोई भी पात्र परिवार पक्के घर के हक से वंचित न रहे।



