रायपुर में ‘मिश्रित मत्स्य पालन’ का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न, तकनीक से लेकर सरकारी योजनाओं तक मिला व्यापक मार्गदर्शन

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर में आयोजित ‘मिश्रित मत्स्य पालन’ पर तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण आज सफलतापूर्वक पूरा हुआ। राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए 25 प्रतिभागियों के लिए ज्ञान और तकनीक का प्रभावशाली मंच बना।
प्रशिक्षण की शुरुआत अधिष्ठाता डॉ. अजय कुमार वर्मा की उपस्थिति में हुई। उद्घाटन सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डॉ. गौतम रॉय ने केंद्र में चल रही मत्स्य पालन गतिविधियों का विस्तृत परिचय दिया। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एस. सासमल ने तीन दिनों की पूरी रूपरेखा साझा की, वहीं ‘मिश्रित मत्स्य पालन पद्धति’ पर आधारित तकनीकी बुलेटिन का विमोचन भी किया गया।
उद्घाटन के बाद दो तकनीकी सत्रों में डॉ. एस.आर. गौर और तोषण कुमार ठाकुर ने मिश्रित मत्स्य पालन की वैज्ञानिक पद्धतियों को सरल रूप में समझाया।
दूसरे दिन प्रायोगिक प्रशिक्षण के दौरान डॉ. सासमल और डॉ. अंकित ठाकुर ने तालाब चयन, बीज संचयन, खाद प्रबंधन और प्राकृतिक भोजन उत्पादन की वास्तविक प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।
अंतिम दिन मत्स्य निरीक्षक अमित वर्मा ने राज्य और केंद्र सरकार की सब्सिडी योजनाओं की जानकारी दी और बताया कि किसान कैसे इन योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकते हैं।
इसके साथ ही डॉ. सासमल ने मिश्रित मछली पालन में लाभ-हानि विश्लेषण समझाते हुए बताया कि समन्वित पद्धति अपनाकर किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
समापन समारोह में प्रदेश स्तर के सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। प्रशिक्षणार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और कार्यक्रम के प्रायोगिक लाभों की सराहना की।




