22 साल की उम्र में भारतीय-अमेरिकी युवा बने दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपति

एक नई कहानी तकनीकी दुनिया में उभर रही है। 22 साल के तीन दोस्तों — ब्रेंडन फूडी, आदर्श हिरेमठ और सूर्या मिधा — ने अपनी कंपनी मर्कोर, एक एआई आधारित भर्ती स्टार्टअप, के ज़रिए इतिहास रच दिया है।
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, मर्कोर ने हाल ही में 35 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की, जिससे कंपनी का मूल्यांकन 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इस फंडिंग के साथ ही इन तीनों संस्थापकों ने दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपति बनने का गौरव हासिल किया।
ब्रेंडन फूडी सीईओ हैं, आदर्श हिरेमठ सीटीओ और सूर्या मिधा बोर्ड चेयरमैन। खास बात यह है कि आदर्श और सूर्या भारतीय मूल के हैं। दोनों ने अपनी पढ़ाई कैलिफ़ोर्निया के बेलार्माइन कॉलेज प्रिपरेटरी में की। सूर्या ने अपने माता-पिता के न्यू दिल्ली से अमेरिका आने की कहानी साझा की है, जबकि हिरेमठ ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान पढ़ा और मर्कोर पर ध्यान देने के लिए पढ़ाई छोड़ दी।
तीनों संस्थापकों ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी, लेकिन उन्होंने अपने स्टार्टअप को प्राथमिकता दी। उनके करियर की इस तेज़ी ने उन्हें तकनीकी दुनिया के चुनिंदा युवाओं में शामिल कर दिया है, जिनकी निजी संपत्ति अरबों डॉलर में पहुंच चुकी है।
मर्कोर के संस्थापक, शाइन कोपलान और एलेक्जेंडर वांग जैसे अन्य युवा अरबपतियों के साथ दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए हैं।


