लाइफस्टाइल

इस वजह से बच्चों की किडनी में भी हो रही प्रॉब्लम

हाल ही में बिड़ला ग्रुप की तरफ से करवाए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो रहे हैं, इसमें ज्यादातर बच्चों में किडनी की बीमारी देखने को मिल रही है। बीते दिनों साउथ कोलकाता में एक 11 साल की बच्ची को पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत के चलते प्राइवेट
अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जांच करने पर पता चला कि बच्ची की किडनी में स्टोन्स थे जिनमें से एक स्टोन उसके यूरिनरी ट्रैक्ट में जाकर फंस गया था।
बच्ची के पेट में दर्द इसी स्टोन की वजह से हो रहा था। आगे पूछताछ की गई तो पता चला कि बच्ची गंदा टॉइलट न यूज करना पड़े इस वजह से पूरे दिन पानी नहीं पीती थी। यह सिर्फ एक घटना नहीं है।कई ऐसी भी घटनाएं सामने आती हैं जिनमें बच्चे स्कूल में टॉइलट नहीं जाते। इसके पीछे भी कई वजहें होती हैं। कहीं उन्हें दूसरे बच्चे बाथरूम में बंद न कर दें, इस बात का डर होता है तो कहीं मां-बाप सजा के रूप में बच्चों को बाथरूम में बंद करते हैं। यह वजहें हैं जिनके चलते बच्चे बाथरूम जाने से कतराते हैं। कई बार मां-बाप भी बच्चों को ज्यादा पानी नहीं पीने देते कि कहीं उन्हें बार-बार टॉइलट न करवाना पड़े। इस वजह बच्चों में किडनी की समस्या कॉमन होती जा रही है।
 1520575685idniइस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर्स तुरंत लाइफस्टाइल बदलने की सलाह देते हैं। कोलकाता के नेफ्रॉलजिस्ट डॉ बिस्बनाथ बसु का मानना है कि अगर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में बार-बार यूटीआई जैसी समस्या आ रही है तो उनमें किडनी की प्रॉब्लम होने की संभावना ज्यादा रहती है। यहां तक कि 1 से 2 साल तक के बच्चों में भी यूटीआई की समस्या देखी जा रही है।
पैरंट्स को बच्चों को डायपर्स में रखने में सुविधा होती है लेकिन लंबे वक्त डायपर्स पहनने से बच्चियों में आगे चलकर यूटीआई की समस्या हो सकती है। डॉक्टर्स के मुताबिक किडनी की समस्या से बचने के लिए बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। 10 किलो वजन वाले बच्चे को दिनभर में कम से कम 1 लीटर पानी पीना चाहिए।
बच्चे अगर घर पर हैं और ज्यादा जरूरी नहीं है तो डायपर का इस्तेमाल न करें।
 

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