बगराम की ओर फिर देख रहे ट्रंप, बोले – “उसे वापस पाना ज़रूरी है क्योंकि चीन पास है”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह अफगानिस्तान के बगराम एयर बेस पर फिर से अमेरिकी उपस्थिति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह वही बेस है जो अमेरिका की 2021 में वापसी के बाद तालिबान के कब्जे में चला गया था।
ट्रंप ने यह बात ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बगराम को चीन की परमाणु गतिविधियों के करीब बताते हुए इसे रणनीतिक रूप से अहम बताया। ट्रंप के शब्दों में —
“हम उसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भी हमें कुछ चाहिए। और वह बेस चीन के परमाणु प्लांट्स से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है।”
व्हाइट हाउस की चुप्पी
ट्रंप के दावे के तुरंत बाद व्हाइट हाउस या पेंटागन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका और तालिबान के बीच इस मुद्दे पर कोई बातचीत हुई है या नहीं। लेकिन ट्रंप का इशारा है कि तालिबान की आंतरिक चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय दबावों के चलते वापसी की गुंजाइश बन सकती है।
फलस्तीनी राज्य पर ब्रिटेन से मतभेद, ट्रंप बोले – “यह हमारी असहमति में से एक है”
गाजा युद्ध पर बातचीत करते हुए ट्रंप ने ब्रिटेन की फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना का खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह उन चंद मुद्दों में से एक है, जिन पर उनकी और प्रधानमंत्री स्टार्मर की राय अलग है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पहले घोषणा की थी कि अगर इज़रायल गाजा में युद्धविराम जैसी शर्तें पूरी करता है, तो सितंबर में UN महासभा में फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने का कदम उठाया जाएगा।
हालांकि, इस मुद्दे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं के बीच एक साफ-सुथरा लेकिन स्पष्ट टकराव भी दिखाया।


