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अबूझमाड़ की घेराबंदी में दो ईनामी महिला नक्सली ढेर, शाह के दौरे से पहले सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा ऑपरेशन सफल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के दुर्गम अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने गुरुवार को दो ईनामी महिला नक्सलियों को मुठभेड़ में ढेर कर एक बड़े साजिश को नाकाम कर दिया। ये कार्रवाई कुतुल इलाके में ‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत अंजाम दी गई, जो हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रस्तावित यात्रा के कारण खासा संवेदनशील हो गया था।

सूत्रों के मुताबिक, जिन दो महिला नक्सलियों को मारा गया, उनमें एक एरिया कमेटी मेंबर (ACM) और दूसरी लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वाड (LOS) की सक्रिय सदस्य थी। दोनों पर इनाम घोषित था और वे लंबे समय से इलाके में सक्रिय थीं।

शाह का दौरा रद्द, लेकिन सुरक्षाबलों ने दिखाई तैयारी

गृह मंत्री अमित शाह 23 जून को अबूझमाड़ के ईरकभट्टी और कुतुल जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के दौरे पर जाने वाले थे, जहां वे गगन्ना उर्फ बासवराजू को ढेर करने वाले जवानों से मुलाकात करने वाले थे। लेकिन ऐन वक्त पर दौरा रद्द कर दिया गया। आधिकारिक तौर पर इजराइल-ईरान युद्ध का हवाला दिया गया, लेकिन खुफिया इनपुट कुछ और कहानी बयां करते हैं।

बड़े नक्सली कैडर की मौजूदगी का इनपुट

पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुतुल क्षेत्र में लगभग 25-30 नक्सली जमा हैं और वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। ऐसे में शाह के दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं। इसी के चलते ऑपरेशन लॉन्च किया गया, और मुठभेड़ के दौरान दो महिला नक्सलियों को मार गिराया गया।

मानसून में भी नहीं थम रही कार्रवाई

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान मानसून के दौरान भी पूरी ताकत से जारी रहेगा। पिछले 18 महीनों में अब तक 414 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं, जिनमें शीर्ष नेता बासवराजू भी शामिल है। उन्होंने दो टूक कहा कि अब नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।

बासवराजू की बारात – एक मिशन, जो इतिहास बन गया

इस पूरे अभियान की पृष्ठभूमि में एक और दिलचस्प किस्सा जुड़ा है। नारायणपुर के पूर्व एसपी प्रभात कुमार के नेतृत्व में जब डीआरजी ने बासवराजू के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया था, तो जवानों ने कहा था— “हम बासवराजू की बारात में जा रहे हैं, और दूल्हा लेकर ही लौटेंगे।” ऑपरेशन सफल रहा और नक्सल संगठन के सबसे बड़े चेहरे को जमींदोज कर दिया गया।

अबूझमाड़ में हुई यह ताजा मुठभेड़ दिखाती है कि सुरक्षा बल न केवल रणनीतिक रूप से सतर्क हैं, बल्कि नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें चुनौती दे रहे हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त घोषित करने का सपना अब और दूर नहीं लगता।

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