दमिश्क : सीरिया के केमिकल हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मिशन को कामयाब बताया है। बेशक अमेरिका ने यह हमला ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर अंजाम दिया मगर बताया जाता है कि सबसे बड़ा खर्च अमेरिका ने किया है। अनुमान है कि एक झटके में उसने करीब 1100 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक शनिवार तडक़े अमेरिका ने सीरिया पर 120 मिसाइलें दागीं। बताया जा रहा है कि ये सभी टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें थीं। इकॉनमिस्ट डॉट कॉम के मुताबिक एक अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइल की कीमत करीब साढ़े 9 करोड़ रुपये है। इस लिहाज से अमेरिका ने मौजूदा कार्रवाई में करीब 1100 करोड़ रुपये की मिसाइलें दागीं। इससे पहले पिछले साल सीरिया में अमेरिका ने 59 टोमहॉक मिसाइलें दागी थीं। अमेरिका ने हमले में क्च-1 बॉम्बर्स, टॉरनैडो जेट्स और युद्धपोत का इस्तेमाल किया। वहीं ब्रिटेन ने चार टॉरनैडो विमानों का इस्तेमाल किया।
शनिवार तडक़े हुए हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या जिस कामयाबी का दावा अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन कर रहे हैं, वह वाकई में हासिल हुई है/ रॉयटर्स ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि सीरियाई सरकार ने सैन्य ठिकानों को हमले से पहले ही खाली करा लिया था। इस अधिकारी के मुताबिक हमारे पास रूस की ओर से हमले की जानकारी पहले ही मिली थी। वहीं रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा है कि सीरियाई सेना ने दशकों पुरानी मशीनों की मदद से अमेरिकी के नेतृत्व वाले मिसाइल हमले को नाकाम किया है। ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि सीरियाई सेना के रक्षा तंत्र ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की 65 से ज्यादा मिसाइलों को रोका है।
दमिश्क : 1700 मौतों के बाद विद्रोहियों से मुक्त हुआ सारिया का पूर्वी घोउता
दमिश्क : सीरियाई सेना ने घोषणा की है कि करीब दो महीने चली जबरदस्त कार्रवाई के बाद पूर्वी घोउता से विद्रोहियों को खदेड़ दिया गया है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना ’ ने सेना के प्रवक्ता के हवाले से बताया , ‘सभी आतंकवादी पूर्वी घोउता के अपने आखिरी ठिकाने दूमा को छोडक़र चले गए हैं। सीरियाई शासन विद्रोहियों के लिए आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल करता है। सेना के एक प्रवक्ता ने सरकारी टेलिविजन पर दिए बयान में कहा , ‘ग्रामीण दमिश्क में पूर्वी घोउता के इलाकों को पूरी तरह आतंकवादियों से मुक्त करा लिया गया है।’
विद्रोहियों के गढ़ माने जाने वाले इन इलाकों पर फिर से नियंत्रण के इरादे से 18 फरवरी को सीरियाई सरकार एवं उसके सहयोगियों द्वारा भीषण हमले शुरू किए जाने के बाद यह घोषणा की गई है। यह क्षेत्र साल 2012 से विद्रोहियों के कब्जे में था। ब्रिटेन स्थित निगरानी संस्था ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के अनुसार 8 हफ्तों में विद्रोहियों के गढ़ पर हुई बमबारी में कम से कम 1,700 आम नागरिक मारे गए हैं। बहरहाल बीते हफ्ते सीरियाई शासन पर दूमा शहर में रासायनिक हमलों के आरोप लगे हैं। इसके जवाब में अमेरिका , फ्रांस और ब्रिटेन ने शासन के कथित रासायनिक हथियार वाले क्षेत्रों पर हमले किए।
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