नईदिल्ली : बिना डरे हिन्दी का इस्तेमाल करें सांसद: वैंकेया

नईदिल्ली : राज्यसभा अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने मंगलवार को सांसदों से हिंदी में बोलने की अपील की. उन्होंने कहा कि सांसदों को व्याकरण की गलतियों से नहीं घबराना चाहिए. नायडू ने राज्यसभा हिंदी कमिटी की मीटिंग के दौरान यह बाद की, जो कि साढ़े तीन साल के अंतराल के बाद मंगलवार को हुई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदी को बढ़ावा देने के यह मीटिंग साल में दो बार की जानी चाहिए.
नायडू ने राज्यसभा के गैर-हिन्दी भाषी राज्यों के सदस्यों से व्याकरण की गलतियों से डरे बिना हिन्दी बोलने का निवेदन किया. नायडू ने कहा इसके दो फायदे होंगे पहला कि आप अपनी मातृ भाषा में कुशल होंगे और दूसरी भाषाओं को सीखने के लिए आपकी क्षमता बढ़ेगी.
अपना अनुभव बताते हुए नायडू ने कहा कि जब वे दिल्ली आए थे तो उन्हें भी हिन्दी नहीं आती थी. जल्द ही वे भाषा को सीख सके क्योंकि वे बिना किसी हिचक के हिन्दी बोलते थे. राज्यसभा सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप बिना किसी डर और हिचक के हिन्दी बोल सकते है.
नायडू ने कहा कि हिन्दी को प्रमोट करने का यही तरीका है कि उसे ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए और बोला जाए. उन्होंने उत्तर भारतीय नेताओं से भी किसी भी एक दक्षिण भारतीय भाषा सीखने का निवेदन किया जिससे भारत की एकता और विभिन्नता को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने आगे कहा कि व्यापारिक मामलों को सिंपल हिन्दी में ट्रांसलेशन को बढ़ावा दिया जाए ताकि सांसद इसे ज्यादा से ज्यादा हिन्दी का इस्तेमाल कर सके. नायडू ने कमिटी से कहा कि सदन में सांसदों को अपनी पसंद की किसी भी भारतीय भाषाओं को बोलने के लिए बढ़ावा मिलना चाहिए.
चर्चा के दौरान गैर-हिन्दी भाषी सांसदो ने कहा कि हमारी हिन्दी की प्रिन्टेट कॉपी में व्याकरण की गल्तियों को सुधारा जाए ताकि सही भाषा रिकॉर्ड में रहें. इसके अलावा सांसदों ने ट्रांसलेशन के लिए भी सुझाव दिएं.
इस मीटिंग में नायडू के अलावा डिप्टी चेयरमेन पी.जे. कुरियन और समिती के दूसरे सदस्या जैसे, सत्यनारायण, हरिवंश, के.केशव राव, प्रभात झा इत्यादि शामिल हुए. इससे पहले हिन्दी सलाहकार समिति दिसंबर 2014 में हुई थी.