छत्तीसगढ़

औद्योगिक जिले में विराजे आदिशिल्पी, हुई पूजा-अर्चना

आदि शिल्पी के रूप में पूजे जाने वाले निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा का प्राकट्य पर्व आस्था और परंपरा के साथ औद्योगिक जिले कोरबा में मनाया गया। कल कारखानों के साथ.साथ व्यवसायिक संस्थानों एवं अन्य स्थानों पर उनकी प्रतिमाएं स्थापित की गई। रविवार की शाम इनका विसर्जन होगा।
अश्विन मास में भगवान विश्वकर्मा के प्राकट्य पर्व मनाने की परंपरा बनी हुई है जिसका निर्वहन निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाला वर्ग कर रहा है। शनिवार को यह खास दिन है। उद्योग प्रधान कोरबा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में इसकी विशेष रौनक देखते बनी। 1 सप्ताह पहले से ही प्रतिमाओं को ले जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। पूजन व सजावट सामग्री की दुकान है आसपास में लगी हुई थी। आज यहां पर सुबह से चहल पहल का नजारा दिखाई दिया। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन, भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, इंडियन आयल कारपोरेशन के अलावा कई कोल वाशरी, स्पंज आयरन प्लांट सहित अन्य श्रेणी के उद्योगों तकनीकी मैकेनिकल वर्कशॉप समेत व्यवसायिक संस्थानों में कारोबारियों के द्वारा भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कराई गई। पुरोहितों ने इस कार्य को पूरा कराया। आज के दिन आर्थिक रूप से सक्षम कुछ संस्थानों के द्वारा कर्मचारियों को उपहार प्रदान किए गए। बजट के आधार पर कुछ स्थानों पर आज गीत संगीत और अन्य कार्यक्रम किए जाने हैं। इधर प्रतिमाओं को देखने के लिए हर तरफ श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। बताया गया कि आज दिन भर पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा और अगली दिवस सभी स्थानों पर विराजित की की प्रतिमा का विसर्जन होगा।

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