उपराष्ट्रपति के खाली पद पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं?

रायपुर। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो चुका है और इस बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने जोरदार मांग उठाई है कि प्रदेश से किसी नेता को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
बैज ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ से किसी वरिष्ठ बीजेपी नेता को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए, जिससे प्रदेश का सम्मान और प्रभाव बढ़ सके। इसके लिए कांग्रेस ने रायपुर के पूर्व सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस का नाम प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है। रमेश बैस ने सात बार सांसद रहकर और विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के तौर पर देश सेवा की है, इसलिए वह इस भूमिका के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं।

वहीं, भाजपा नेता अमित चिमनानी ने इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को हर क्षेत्र में भाजपा का प्रभाव मिला है, लेकिन राज्यसभा सीटों के मामले में कांग्रेस के नेताओं की कमी रही है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि प्रदेश की कई राज्यसभा सीटें बाहरी नेताओं को दी गईं, जिससे स्थानीय नेतृत्व को मौका नहीं मिला।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के सांसदों को राज्य में कोई अहम प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, जबकि प्रदेश ने लगातार भाजपा सांसद चुने हैं। उन्होंने मांग की कि उपराष्ट्रपति पद के लिए छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता दी जाए, जिससे प्रदेश की आवाज़ उच्चतम स्तर पर सुनी जा सके।
बैज ने बताया कि यह पत्र इसलिए लिखा गया है क्योंकि छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार में अपेक्षित नेतृत्व नहीं मिला। 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने छत्तीसगढ़ की अधिकतर सीटें जीतीं, लेकिन तीनों कार्यकालों में प्रदेश को केवल राज्य मंत्री स्तर का प्रतिनिधित्व मिला। उन्होंने कहा कि अब भाजपा को अपने काबिल नेताओं को उपराष्ट्रपति पद तक ले जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के नेतृत्व और राजनीतिक ताकत के लिए यह एक बड़ा अवसर माना जा रहा है, जो प्रदेश की राष्ट्रीय पहचान को मजबूत कर सकता है। अब सबकी नजरें प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।