छत्तीसगढ़बस्तर

जगदलपुर: 10 को सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे स्वास्थ्य कर्मी

जगदलपुर, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मेकाज के सचिव माखनलाल शोरी ने बताया कि आज प्रात: 8 बजे संघ की आपात काल गेट मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन के दिव्तीय चरण के आंदोलन के रूप में 10 जनवरी को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर समस्त स्वास्थ्य कर्मचारी रहेंगे। इसके बाद भी सरकार स्वास्थ्य कर्मियों की 10 वर्षों से लंबित मांगों पर निर्णय नहीं लेती है तो 29 जनवरी से सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चित काल हड़ताल में चले जायेंगे।
दिनाँक 10 जनवरी को भी पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की स्वास्थ्य कर्मियों की 10 वर्षों से लंबित मांगों पर निर्णय नहीं लेना है। चूंकि स्वास्थ्य कर्मचारी आपात काल सेवा से जुड़े हैं । संघ की हमेशा यह निवेदन के साथ सरकार को यह बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पीडि़त मानव सेवा से जुड़े कर्मचारी हैं हड़ताल से इसका सीधा प्रभाव आमजन की जिंदगी पर होती है इसलिए हम हड़ताल के कतई पक्षधर नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं होने से कमजोर तबके के मरीजों के साथ जान की खतरा बनी रहती है। दूसरे विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से किसी तरह की जनहानि की संभावना नहीं होती है परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से यह खतरा बढ़ जाती है। इसलिए छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ राज्य सरकार को ज्ञापन के माध्यम से समस्याओं की निराकरण करने के लिए विगत 10 वर्षों से अवगत कराते रहा है परंतु राज्य सरकार की निरकुंश हठधर्मिता के कारण विवशता के साथ संघ हड़ताल पर जाने को मजबूर हुआ है ।
 ज्ञात हो कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग के 32 कैडर के कर्मचारियों को छोडक़र  समस्त विभाग के कर्मचारियों की छठवें वेतनमान आयोग में वेतन विसंगति दूर हो गई थी । वेतन विसंगति को दूर करने के लिए संघ द्वारा 2006 से ज्ञापन धरना प्रदर्शन कर अवगत कराया गया परन्तु सरकार ने कुछ नहीं किया जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मियों को समकक्ष अन्य विभाग के कर्मचारियों की तुलना में 2000 से 10000 हजार रुपए कम वेतन मिल रही है जिसके कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस बार संघ आर पार संघर्ष के मूड में है। सातवें वेतनमान में यह खाई बहुत बढ़ गई है।
एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य कर्मियों की मेहनत से शिशु मृत्यु दर , संस्थागत प्रसव, स्वास्थ्य सूचकांक में सुधार कर केंद्र सरकार से इनाम प्राप्त कर ढिंढोरा पीट रही है वहीं जनता को स्वास्थ्य सेवा करने वाले कर्मचारियों की वाजिब मांगो पर 10 साल से मौन धारण की है। वेतन विसंगति को लेकर विभाग के द्वारा तीन बार प्रपोजल राज्य सरकार को भेजा गया है। दूसरी प्रमुख मांग चार स्तरीय क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करना है।
ज्ञात हो कि स्वास्थ्य विभाग के 32 कैडर के कर्मचारियों में 3 कैडर को छोडक़र पदोन्नित के अवसर नहीं हैं जिसके कारण जिस पद में कर्मचारी सेवा में आता है उसी पद में सेवानिवृत्त हो जाता है इसके कारण अन्य विभाग के कर्मचारियों के मुकाबले स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी वेतनमान में पिछड़ जाता है इस समस्या को दूर करने हेतु कर्मचारी के सेवाकाल में चार क्रमोन्नत वेतनमान की मांग स्वास्थ्य विभाग  में लंबे अरसे से की जा रही है जिसे वर्तमान बीजेपी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। परंतु सरकार बनने के बाद अनसुना की जा रही है। तृतीय महत्वपूर्ण मांग विभाग के समस्त वार्ड बॉय आया अटेंडर की ग्रेड पे 1300 से बढ़ाकर 1800 किया जाय क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के समस्त अटेंडर कर्मचारी जीवन रक्षक तकनीकी रखरखाव उपचार लैब ऑपरेशन थियेटर वार्ड आपात काल चिकित्सा सेवा में  सेवा प्रदान करते हैं तथा तीन शिफ्ट में 24 घंटे सेवा प्रदान करते हैं।
आज की गेट मीटिंग को डी के पारासर कार्यकारी प्रांताध्यक्ष, पी डी मेश्राम अध्यक्ष मेकाज, माखन लाल शोरी सचिव , मिलन भाई कांतिलाल विश्वास मेकाज, सन्नी नाग अध्यक्ष चतुर्थ वर्ग कर्मचारी प्रकोष्ठ मेकाज आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर रीता एक्का स्टाफ नर्स, मथुरा ,प्रीतम सिन्हा, संजय दास नाग,बीजू नेताम, कमलेश मरकाम, सुकलाल नेताम, मनोज मेश्राम समस्त स्टाफ नर्स  वार्ड बॉय आया सहित सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थे।

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