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जोहानसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने पार्टी के दबाव में दिया इस्तीफा

जोहानसबर्ग  : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार शाम देश के नाम टेलिविजन पर प्रसारित संबोधन में इस्तीफ़े का ऐलान किया। इसके पहले जुमा की पार्टी एएनसी ने उन्हें पद छोडऩे या फिर गुरुवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को कहा था। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का दबाव आखिरकार काम आया और जैकब जुमा ने कल राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। जुमा ने अपने इस्तीफे से पहले सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया जिसमें उन्होंने पार्टी द्वारा किए गए बुरे बर्ताव का जिक्र किया। नौ वर्षीय कार्यकाल के दौरान अनैतिक व्यवहार तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जुमा ने कहा कि एएनसी द्वारा उन्हें इस्तीफे के लिए कहना अनुचित था। उन्होंने कहा कि मेरे साथियों ने उचित तरीके से पार्टी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।  प्रसिद्ध रंगभेद विरोधी तथा जुलु बहुविवाहवादी जुमा वर्ष 1994 में सफेद अल्पसंख्यक शासन के अंत के बाद दक्षिण अफ्रीका के सबसे विवादास्पद नेता हैं। इनके कार्यकाल के दौरान अफ्रीका को आर्थिक मंदी और राष्ट्रीय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इसी वजह से सत्तारूढ़ एएनसी ने गत दिसंबर में उनके स्थान पर उप राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को पार्टी का नेता चुन लिया था जिसके बाद इनके राजनीतिक प्रभाव में कमी आई थी। इससे पहले अगस्त महीने में जुमा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में वफादार सांसदों ने इनकी मदद की थी। इस घटना के छह महीने बाद एएनसी के संसदीय दल ने दो दिन पहले इन्हें बताया था कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो पार्टी गुरुवार को अविश्वास मत के दौरान विपक्ष की मदद करेगी। एएनसी के मुख्य प्रवक्ता जैक्सन मथेम्बू ने कहा, ‘हम लोगों ने जुमा को राष्ट्रपति चुन कर दक्षिण अफ्ऱीका को गड़बड़ी में डाल दिया है। हमें इस व्यक्ति को बारिकी से परखना चाहिए था। हम दूरदृष्टि निर्णय में भयानक त्रुटि कर चुके हैं।’ गौरतलब है कि जुमा पर एक पारिवारिक मित्र ने बलात्कार का आरोप लगाया था जिससे वह वर्ष 2006 में बरी हो गए थे। जुमा पर दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति रहते हुए 1990 के आखिर तक भ्रष्टाचार के लगभग आठ सौ मामले थे। इन पर संविधान का उल्लंघन करते हुए अपने घर को नवीनीकरण के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल आरोप लगा था और आखिरकार इन्हें पांच लाख डॉलर से अधिक का भुगतान करना पड़ा।(जोहानसबर्ग) दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने पार्टी के दबाव में दिया इस्तीफा

1518692192acob 2356713 835x547 mजोहानसबर्ग , 15 फरवरी (आरएनएस)। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार शाम देश के नाम टेलिविजन पर प्रसारित संबोधन में इस्तीफ़े का ऐलान किया। इसके पहले जुमा की पार्टी एएनसी ने उन्हें पद छोडऩे या फिर गुरुवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को कहा था। अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) का दबाव आखिरकार काम आया और जैकब जुमा ने कल राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। जुमा ने अपने इस्तीफे से पहले सरकारी टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया जिसमें उन्होंने पार्टी द्वारा किए गए बुरे बर्ताव का जिक्र किया। नौ वर्षीय कार्यकाल के दौरान अनैतिक व्यवहार तथा भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जुमा ने कहा कि एएनसी द्वारा उन्हें इस्तीफे के लिए कहना अनुचित था। उन्होंने कहा कि मेरे साथियों ने उचित तरीके से पार्टी प्रक्रिया का पालन नहीं किया।  प्रसिद्ध रंगभेद विरोधी तथा जुलु बहुविवाहवादी जुमा वर्ष 1994 में सफेद अल्पसंख्यक शासन के अंत के बाद दक्षिण अफ्रीका के सबसे विवादास्पद नेता हैं। इनके कार्यकाल के दौरान अफ्रीका को आर्थिक मंदी और राष्ट्रीय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। इसी वजह से सत्तारूढ़ एएनसी ने गत दिसंबर में उनके स्थान पर उप राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को पार्टी का नेता चुन लिया था जिसके बाद इनके राजनीतिक प्रभाव में कमी आई थी। इससे पहले अगस्त महीने में जुमा के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में वफादार सांसदों ने इनकी मदद की थी। इस घटना के छह महीने बाद एएनसी के संसदीय दल ने दो दिन पहले इन्हें बताया था कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो पार्टी गुरुवार को अविश्वास मत के दौरान विपक्ष की मदद करेगी। एएनसी के मुख्य प्रवक्ता जैक्सन मथेम्बू ने कहा, ‘हम लोगों ने जुमा को राष्ट्रपति चुन कर दक्षिण अफ्ऱीका को गड़बड़ी में डाल दिया है। हमें इस व्यक्ति को बारिकी से परखना चाहिए था। हम दूरदृष्टि निर्णय में भयानक त्रुटि कर चुके हैं।’ गौरतलब है कि जुमा पर एक पारिवारिक मित्र ने बलात्कार का आरोप लगाया था जिससे वह वर्ष 2006 में बरी हो गए थे। जुमा पर दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति रहते हुए 1990 के आखिर तक भ्रष्टाचार के लगभग आठ सौ मामले थे। इन पर संविधान का उल्लंघन करते हुए अपने घर को नवीनीकरण के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल आरोप लगा था और आखिरकार इन्हें पांच लाख डॉलर से अधिक का भुगतान करना पड़ा।

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