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कम जानकार नेता को सार्वजनिक जीवन से बाहर कर देना चाहिए: जेटली

  • केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाने और मसूद अजहर को देश से बाहर भेजने में अजीत डोभाल की भूमिका पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेताओं पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने काफी गुस्से में कहा कि ऐसे कम जानकार नेताओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर कर देना चाहिए. देश की सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चर्चा के लिए आजतक द्वारा आयोजित विशेष ‘सुरक्षा सभा’ को संबोधित करते हुए जेटली ने यह बात कही.
  • इस सवाल पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मौलाना मसूद अजहर अगर पाकिस्तान में है तो इसके लिए बीजेपी ही जिम्मेदार है, क्योंकि वाजपेयी जी की बीजेपी सरकार के दौरान अजीत डोभाल ही इन्हें कंधार तक छोड़ कर आए थे, अरुण जेटली ने कहा, ‘मैं कभी लिखूंगा कि कितना फेक ये फैला रहे हैं, ये किसी राजनीतिक दल के लिए दुर्भाग्य है. आप वंश के आधार पर चुनें या किसी और आधार पर लेकिन ऐसे व्यक्ति को चुने जो कम से कम कुछ जानकारी तो रखता हो. राहुल को पता होना चाहिए कि जब यह घटना हुई तो उस समय डोभाल आईबी में थे. न तो वे विमान में गए, वे बैकग्राउंड में काम कर रहे थे, इस अभि‍यान में कई अधिकारी काम कर रहे थे. एक परंपरा है कि इंटेलीजेंस के लोगों को हम फेसलेस रखते हैं. ये नादान व्यक्ति इसको सार्वजनिक बहस का मसला बनाना चाहता है. जिन व्यक्तियों को इस प्रकार की बेसिक जानकारी नहीं है उसे पब्लिक लाइफ से गायब कर देना चाहिए.’
  • जेटली ने कहा, ‘राहुल ने बार-बार कहा जो पैरा मिलिट्री के लोग हैं उन्हें शहीद का दर्जा दे दो, लेकिन सच यह है कि न तो सेना और न ही केंद्रीय सुरक्षा बलों को इस तरह का कोई दर्जा दिया जाता है.
  • उन्होंने कहा, ‘यूपीए सरकार ने सेना और केंद्रीय बलों को इस मामले में समानता देने का विरोध किया. सेना की भाषा में इसको बैटल कैजुल्टी स्टेटस और पैरा मिलिट्री में उसको ऑपरेशनल कैजुअल्टी स्टेटस कहते हैं. राहुल को इसकी बेसिक नॉलेज नहीं है. 2011 में मनमोहन सरकार ने दोनों को बराबरी का दर्जा देने के लिए एक कमिटी बनाई थी, लेकिन वे कोई निर्णय नहीं कर पाए, बराबरी का दर्जा देने से इंकार किया. 2017 में हमारी सरकार ने दोनों को ऐट पार कर दिया. राहुल गांधी पहले बेसिक चीज समझ लें कि उनकी पार्टी ने इससे इंकार कर दिया था, लेकिन 2017 में मोदी जी इसे दे चुके हैं.’
  • उन्होंने कहा, ‘हमने एक और सुविधा दी कि कश्मीर में सीआरपीएफ के अधिकारी को 40 फीसदी एक्स्ट्रा और जवान को 75 फीसदी एक्स्ट्रा दिया जाएगा. इस साल हमने तय किया पुलवामा के बाद सीआरपीएफ के लोगों को जम्मू या दिल्ली से विमान से ही कश्मीर भेजा जाएगा.’
  • पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद से ही राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा राजनीति के केंद्र में आ गया है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में जो पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा था, उसका असर भारत की जवाबी कार्रवाई में दिखा. एयरस्ट्राइक के बाद भारत का रुख पाकिस्तान के खिलाफ कैसा होना चाहिए, इसका लोकसभा चुनावों में क्या असर पड़ेगा इन सभी बातों पर चर्चा करने के लिए आजतक ने आज विशेष ‘सुरक्षा सभा’ का आयोजन किया है.

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