कश्मीरी पंडितों के लिए खुशखबरी, वापस मिलेगी उनकी पुश्तैनी जमीन-जायदाद

1990 में आतंकी हिंसा के कारण विस्थापित हुए कश्मीरियों को उनकी पुश्तैनी जायदाद अब वापस मिल सकेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इसके लिए नए सिरे से कोशिश शुरू कर दी है। इसके तहत एक शिकायत पोर्टल तैयार किया गया है, जिसपर देश-विदेश में कहीं भी रहने वाले विस्थापित कश्मीरी अपनी जायदाद के कब्जे या जबरन सस्ते दामों में खरीद लिए जाने की शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
यही नहीं जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक शिकायत की जांच के बाद एक तय समय सीमा के भीतर उनकी जायदाद वापस कराई जाएगी।
दरअसल आतंकी धमकियों के कारण जब लाखों कश्मीरियों को घर-बार छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा तो कई विस्थापित कश्मीरियों को संपत्तियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की थी, लेकिन सरकार इसमें विफल रही। उनके मकान, दुकान व अचल संपत्तियों पर कब्जा कर लिया गया। बाद में विस्थापितों को डरा-धमकाकर औने-पौने दामों में उन संपत्तियों को खरीद लिया गया। अब सरकार ने विस्थापितों की ऐसी अचल संपत्तियों को वापस कराने का बीड़ा उठाया है।