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रायपुर :जनअधिकार पदयात्रा में आदिवासी समाज की परेशानी करीब से देखा : भूपेश बघेल

रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक बार फिर से राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के विदेश दौरे, भूराजस्व संहिता संशोधन विधेयक को लेकर कई आरोप लगाए।
कांगे्रस भवन में पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा करते हुए पीसीसी चीफ ने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के मुखिया ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की बात कहते हुए कई बार विदेशों के दौरे किए, लेकिन एक भी विदेशी कंपनी ने यहां आकर निवेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि भूराजस्व संहिता संशोधन विधेयक आदिवासियों की जमीनें लेकर उद्योगपतियों को देने की साजिश दी। इसका कांग्रेस के साथ ही आदिवासी समाज ने पुरजोर विरोध किया और आखिरकार सर्व आदिवासी समाज के विरोध के बाद इसे वापस लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मनमानी पर उतर आई है। प्रदेश में किसानों की स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है। इसी तरह आदिवासी समाज सरकार के मनमाने फैसले से भी परेशान हो चुका है। श्री बघेल ने कहा कि जनअधिकार पदयात्रा के दौरान आदिवासियों की खराब स्थिति को उन्होंने काफी निकट से देखा है। उन्होंने रायगढ़ का उदाहरण देते हुए बताया कि पॉवर प्लांट और उद्योग के नाम पर रायगढ़ में विकास पूरी तरह से काला हो चुका है। केलो बांध, रेल कॉरिडोर, पॉवर प्लांट के लिए जमीनें अधिकृत की गई, कोयल खदान के नाम पर भी जंगल और गांवों को उजाड़ा गया। पत्रकारों से चर्चा करते हुए आदिवासी विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार पीछे के दरवाजे से आदिवासियों की जमीनों को उद्योगपतियों को देने की तैयारी में थी। उन्होंने जगदलपुर में कल 25 जनवरी को होने वाले आभार रैली का विरोध किया और कहा कि यह लोगों का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से भटकाने के लिए किया जा रहा है।
 

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