रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रमुख अजीत जोगी की जाति मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट का एक बड़ा फैसला आया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में नए सिरे से हाई पावर कमेटी का गठन कर फिर से मामले की जांच करने के लिए कहा है।
ज्ञात हो कि उक्त मामले में श्री जोगी द्वारा उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट पर स्टे की मांग की गई थी। पूर्व की सुनवाई में जोगी के वकील राहुल त्यागी द्वारा जोगी का पक्ष रखा गया तथा उपरोक्त केस में अंतिम फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। आज मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन एवं न्यायाधीश शरद कुमार गुप्ता ने उपरोक्त मामले में निर्णय देते हुए कहा कि अजीत जोगी द्वारा उच्च स्तरीय छानबीन समिति के विरुद्ध लगाए गए याचिका को स्वीकार करते हुए ,उच्च स्तरीय छानबीन समिति की रिपोर्ट पर स्टे दिया जाता है एवं एक नई उच्च स्तरीय छानबीन समिति गठित की जाये जो अजीत जोगी के जाति की जांच पुन: करेगी।
बिलासपुर 30 जनवरी 2018। अजीत जोगी को जाति मामले में फिलहाल बड़ी राहत मिल गयी है। अजीत जोगी की याचिका को हाईकोर्ट ने जाति मामले में एक और हाईपावर कमेटी बनाने का आदेश दिया है। ये कमेटी अजीत जोगी की जाति मामले में फिर से जांच करेगी। इससे पहले आज सुबह करीब पौने ग्यारह बजे जज अजीत जोगी के मामले में फैसला सुनाने कोर्ट पहुंचे और उन्हें अजीत जोगी की जाति मामले में दायर याचिका को स्वीकार कर लिया।
विदित हो कि राज्य सरकार ने आईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले के नेतृत्व में हाई पावर कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना था। श्री जोगी ने हाई पावर कमेटी की इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट गए हैं। श्री जोगी की जाति को चुनौती देने वाले संतकुमार नेताम और अनुसूचित जनजाति आयोग और उसके अध्यक्ष नंदकुमार साय हैं। अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को कई तरह से चुनौती दी थी। तकनीकी खामियों के अलावे रिपोर्ट के चेयरमैन पर भी याचिका में संगीन आरोप लगाये थे। अजीत जोगी के पक्ष में आये इस फैसले के बाद अब विरोधियों की रणनीतियां एक बीर फिर से धाराशायी हो गयी है।
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