छत्तीसगढ़ के 12 जिलों ने रचा जल संरक्षण का राष्ट्रीय रिकॉर्ड, विज्ञान भवन में मिला विशिष्ट सम्मान

रायपुर। छत्तीसगढ़ ने जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के क्षेत्र में लगातार उपलब्धियों का नया मॉडल पेश किया है। देशभर में आयोजित 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार एवं जल संचय जनभागीदारी 1.0 समारोह में राज्य के 12 जिलों—रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा, धमतरी, बालोद, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग और सूरजपुर—को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन जिलों को पुरस्कार प्रदान किए।
रचनात्मक पहलों और सामूहिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ ने पिछले दो वर्षों में जल संवर्धन की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान कायम की है। राज्य में जल संरक्षण आंदोलन को जनता के सहयोग से मजबूत आधार मिला, जिसने जल प्रबंधन को नए मुकाम तक पहुंचाया।
जिलों की उपलब्धियां इस प्रकार रहीं —
रायपुर: जल संचय जनभागीदारी अभियान में देशभर के नगर निगमों में प्रथम स्थान। निगम द्वारा 33,082 और जिला प्रशासन द्वारा 36,282 कार्य पूरे किए गए।
बालोद: केटेगरी-01 में प्रथम स्थान, 92,742 नई जल संरचनाएँ, साथ ही 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि।
राजनांदगांव: केटेगरी-01 में दूसरा स्थान, 58,967 जल संरचनाएँ, 2 करोड़ रुपये पुरस्कार।
महासमुंद: केटेगरी-02 में प्रथम स्थान, 35,182 संरचनाएँ।
बलौदाबाजार-भाटापारा: केटेगरी-02 में दूसरा स्थान, 30,927 संरचनाएँ, 1 करोड़ रुपये प्रोत्साहन।
गरियाबंद: केटेगरी-02 में तीसरा स्थान, 26,025 सतही जल संरक्षण कार्य।
बिलासपुर: केटेगरी-03 में प्रथम स्थान, 21,058 संरचनाएँ, 25 लाख रुपये पुरस्कार।
दुर्ग: केटेगरी-03 में 16वां स्थान, 5,010 परियोजनाएँ, 25 लाख रुपये पुरस्कार।
बलरामपुर: केटेगरी-03 में 6वां स्थान, 8,644 परियोजनाएँ, 25 लाख रुपये।
धमतरी: केटेगरी-03 में 8वां स्थान, 7,674 परियोजनाएँ, 25 लाख रुपये।
रायगढ़: केटेगरी-03 में दूसरा स्थान, 19,088 परियोजनाएँ, 25 लाख रुपये।
सूरजपुर: केटेगरी-03 में 12वां स्थान, 5,797 परियोजनाएँ, 25 लाख रुपये।
इन शानदार उपलब्धियों ने यह साबित किया है कि जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। छत्तीसगढ़ के इन जिलों ने पूरे देश के सामने सामुदायिक जागरूकता और प्रभावी जल प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।




