
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में सरकार ने 9 बड़े फैसलों पर मुहर लगाई। इन फैसलों में प्रशासनिक सुधार, खेल, संस्कृति, पर्यटन, आवास और युवाओं को प्रोत्साहन देने से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं।
तबादला नीति 2025 को मंजूरी
कैबिनेट ने 2025 की नई तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 6 से 13 जून तक आवेदन लिए जाएंगे और 14 से 25 जून के बीच प्रभारी मंत्री एवं विभागीय मंत्री तबादलों को स्वीकृति देंगे।
दामाखेड़ा अब ‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा’
बैठक में ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम बदलने का फैसला लिया गया। अब इसका नया नाम ‘कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा’ होगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यह निर्णय कैबिनेट से पारित हुआ।
कबीरधाम जिले की दो पंचायतों के नाम बदले
ग्राम पंचायत गढ़गहना का नाम अब ‘सोमनपुर’ और चंदलपुर का नाम ‘चंदनपुर’ कर दिया गया है।
नवा रायपुर में बनेगा कला परिसर
कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवा रायपुर में 10 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक कला परिसर की स्थापना की जाएगी। यह लोक कलाकारों और शिल्पकारों के लिए सुविधायुक्त केंद्र होगा।
राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी को हरी झंडी
नवा रायपुर में 13.47 एकड़ भूमि पर राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी स्थापित होगी, जिसमें आउटडोर/इंडोर रेंज, छात्रावास और अन्य आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी।
किफायती जन आवास नियम 2025 को स्वीकृति
कैबिनेट ने किफायती जन आवास नियम 2025 को मंजूरी दी है। इसके तहत जरूरतमंदों के लिए व्यवस्थित कॉलोनियों का विकास किया जाएगा।
‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ योजना को मंजूरी
राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान’ योजना को कैबिनेट से स्वीकृति मिली। यह सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले युवा संस्थानों को मिलेगा।
खेल प्रशिक्षकों की भर्ती नीति मंजूर
राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षकों की भर्ती की जाएगी। राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षण पद्धतियों के अनुरूप उन्हें डिप्लोमा प्राप्त होगा।
आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने ‘होम-स्टे नीति 2025-30’
आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘होम-स्टे नीति 2025-30’ को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाना और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है।
इन फैसलों से स्पष्ट है कि साय सरकार प्रशासनिक कुशलता के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक समावेश की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है।