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नई दिल्ली : टीम इंडिया स्पिन खेलने में माहिर यह सिर्फ किताबी बात

नई दिल्ली : इग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में मोइन अली जैसे पार्टटाइमर स्पिनर के सामने भारतीय टीम नतमस्तक नजर आई। सीरीज के शुरुआती तीन टेस्ट में इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके मोइन ने पहली इनिंग्स में पांच तो दूसरी इनिंग्स में चार विकेट झटके। पूरी सीरीज में भारतीय बल्लेबाज स्पिन ठीक से नहीं खेल पा रहे हैं। टीम के सीरीज हारने के बाद पूर्व स्पिनर मनिंदर सिंह ने बल्लेबाजों और टीम मैनेजमेंट के फैसलों पर सवाल उठाए हैं।

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मनिंदर सिंह की मानें तो यह सिर्फ मिथ्या है कि हम स्पिन खेलने में माहिर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में भारत की हार का विश्लेषण करते हुए इस पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर ने कहा, ‘भारतीय बल्लेबाज स्पिन खेलने के माहिर होते हैं यह सिर्फ किताबी बात बन कर रह गई है। आज हकीकत यह है कि टीम में कोई भी स्पिन खेलने का माहिर नहीं है।

छोडऩा होगा पंड्या का मोह

मनिंदर ने हार्दिक पंड्या को निशाने पर लेते हुए कहा कि टीम में फिलहाल इस प्लेयर की कोई भूमिका नहीं। उन्होंने कहा, ‘हम चार पेसर्स के साथ क्यों खेल रहे हैं यह मेरी समझ से परे है। चार पेसर्स किसी लक्जरी (ऐयाशी) जैसा मामला है। टीम में चौथा पेसर ऐसा है जिसे ओवर्स भी नहीं मिलते। टीम को अपने प्रदर्शन में अगर सुधार करना है तो सबसे पहले कप्तान को हार्दिक पंड्या का मोह छोडऩा होगा।

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जब तक हार्दिक टीम में रहेंगे वह टीम को नुकसान पहुंचाते रहेंगे। इस टेस्ट में चौथे पेसर की जगह अगर हमने दूसरे स्पिनर को मौका दिया होता तो शायद नतीजा और हो सकता था।

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रविंद्रा जाडेजा गेंद टर्न भी करा सकते हैं और जितने रन हार्दिक बना रहे हैं उतने रन भी बना सकते हैं। जाडेजा और अश्विन की जोड़ी ने मिलकर कई टेस्ट जिताए हैं और इस जोड़ी को तोडऩे की जरूरत नहीं।

अश्विन से कोच करें बात

एक तरफ विपक्षी स्पिनर सफल हो रहे हैं वहीं भारत के सबसे अनुभवी स्पिनर आर अश्विन बेअसर साबित हो रहे हैं। यह देखकर मनिंदर भी हैरान हैं। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ मोइन अली जैसा साधारा स्पिनर था तो दूसरी तरफ टेस्ट में 300 से ज्यादा विकेट लेने वाले अश्विन। लेकिन मैं अश्विन की बोलिंग देखकर हैरान था। अली ने एक सिंपल लाइन पर बोलिंग की और विकेट निकाले, जबकि अश्विन लगातार बदलाव करते रहे। मुझे लगता है कि कोच रवि शास्त्री जोकि खुद के स्पिनर रह चुके हैं उन्हें अश्विन से बात करनी चाहिए।

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अश्विन आज भी असरदार हैं बस कमी है तो स्ट्रैटिजी की। उनकी बोलिंग पर सही फील्ड पोजिशन लगाने की जरूरत है। अश्विन की बोलिंग पर बैकवर्ड शॉर्ट लेग पर फील्डर लगाने से क्या हासिल होगा। कप्तान को इसकी बजाए सिली पॉइंट पर फील्डर लगाना चाहिए। सिली पॉइंट का फील्डर बैट्समैन को परेशान करता है न कि बैकवर्ड शॉर्ट लेग पर खड़ा फील्डर। रणनीति कोच और कप्तान मिलकर बनाते हैं।’

इलेवन में चाहिए चेंज

इस स्पिनर ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारतीय टीम अंतिम टेस्ट में युवाओं को मौका दे। उन्होंने कहा, ‘ओपनर्स रन नहीं बना पा रहे हैं। शिखर अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में नाकाम रह रहे हैं तो वहीं केएल राहुल एकदम फ्लॉप साबित हुए हैं। बॉल स्विंग हो, बॉल बाउंस करे या फिर बॉल नीची रह जाए, वह सिर्फ परेशान ही हो रहे हैं। राहुल की जगह पृथ्वी साव को अगले टेस्ट में मौका मिलना चाहिए। वहीं हार्दिक की जगह जाडेजा को उतारना चाहिए।

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