मोदी सरकार ने अरविंद केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम किया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी पर कहा कि मोदी सरकार, केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम कर अरविंद केजरीवाल की देशभर में बढ़ती लोकप्रियता को रोकना चाहती है। दरअसल, मुद्दा शराब नीति नहीं है। मुद्दा यह है कि दिल्ली और पंजाब जीतने के बाद अरविंद केजरीवाल गुजरात कैसे पहुंच गए और दिल्ली की तरह वहां भी फ्री बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा देने की कैसे बात कर रहे हैं?
अगर मुद्दा शराब नीति होती, तो सीबीआई का सबसे बड़ा छापा गुजरात में पडऩा चाहिए था, जहां 10 हजार करोड़ रुपए की नकली शराब का धंधा होता है। मोदी सरकार ने अरविंद केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम करने के लिए पहले स्वास्थ्य मंत्री को जेल में डाला और अब शिक्षा मंत्री को जेल में डालने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी के छापे से अरविंद केजरीवाल का भारत को दुनिया का नंबर देश बनाने का मिशन नहीं रूकने वाला है।
मोदी जी ने यह लड़ाई छेड़कर तय कर दिया है कि 2024 की लड़ाई मोदी बनाम केजरीवाल होगी। केजरीवाल अब रूकेंगे नहीं और न तो उनका शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल रूकेगा। मोदी सरकार ने पहले भी ऐसे बहुत सारे प्रयास किए, लेकिन हताशा हाथ लगी। हम लोग लड़ेंगे और सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे। संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत बड़ा प्रचार किया गया कि सीबीआई का बहुत बड़ा छापा पड़ गया है। इतने बड़े छापे के बाद सीबीआई और मोदी जी की सरकार अब तक कुछ नहीं बता पाई कि छापे में क्या निकला। इन छापों में सीबीआई को क्या मिला?
सीबीआई को कहां से करोड़ रुपए की बरामदगी हुई और कहां से सोना मिल गया। कुछ उनको पता नहीं चल पाया। दूसरी बात, एक्साइज पॉलिसी को लेकर एक-एक चीज पर साफ तश्वीर रखी गई कि पॉलिसी में दूर-दूर तक कहीं कोई हेराफेरी नहीं की गई है। लेकिन भाजपा के लोग वहीं रटा-रटाया बयान बार-बार बोल रहे हैं। दरअसल, मुद्दा शराब नहीं है। मुद्दा अगर शराब नीति होती तो सबसे बड़ा छापा तो गुजरात में पडऩा चाहिए था, जहां जहरीली शराब से 100 से ज्यादा लोग मर गए।
जहां 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नकली शराब का धंधा होता है। सीबीआई और ईडी का वहां छापा पडऩा चाहिए था। दअसल, मुद्दा अरविंद केजरीवाल की देश भर में बढ़ती लोकप्रियता है। मुद्दा है कि दिल्ली जीते, पंजाब जीते और अब गुजरात कैसे पहुंच गए? मुद्दा यह है कि केजरीवाल जो बात दिल्ली में कहते हैं और करके दिखाते हैं, वहीं योजनाएं गुजरात में ऐलान कर रहे हैं। मुद्दा यह है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की तरह फ्री बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था गुजरात में कैसे देने की बात कर रहे हैं।
इसी वजह से अरविंद केजरीवाल के दोनों लोकप्रिय मॉडल शिक्षा और स्वास्थ्य को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। अरविंद केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम करने के लिए पहले स्वास्थ्य मंत्री को जेल में डाले और अब शिक्षा मंत्री को जेल में डालने की तैयारी है।संजय सिंह ने कहा कि कल भाजपा के सारे नेता हैरान थे कि न्यूयॉर्क टाइम्स में केजरीवाल का शिक्षा मॉडल कैसे छप गया? न्यूयॉर्क टाइम्स में मनीष सिसोदिया की शिक्षा क्रांति कैसे छप गई। कैसे मनीष सिसोदिया की तश्वीर छप गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स को तो छापना ही नहीं चाहिए था। भाजपा वाले मीडिया में कह रहे थे कि न्यूयॉर्क टाइम्स तो भारत के खिलाफ खबरें लिखता है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि इस खबर में लिखा है कि नरेंद्र मोदी राइज इन इंडिया। यह खबर 2013 में छपी थी। 2019 में इसी न्यूयॉर्क टाइम्स में हमारे देश के प्रधानमंत्री आर्टिकल लिखते हैं और उनकी आईटी सेल की आर्मी पीएम की एक फर्जी खबर चलाई थी कि न्यूयॉर्क टाइम्स नरेंद्र मोदी जी की तरीफ कर रहा है।
इसके बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने खंडन छापा था कि हमने नरेंद्र मोदी जी के बारे में ऐसा कुछ नहीं छापा, जैसा उनकी आईटी सेल की फौज चला रही है। संजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी से कहा कि आप के बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स अगर खबर न लिखे, तो आप अखबार में फोटो एडिट करके एक फर्जी खबर बनवा कर अपने ट्रोल आर्मी से चलवाते हैं और कहा जाता है कि देखिए मोदी जी की लोकप्रियता कितनी बढ़ गई है।
केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की न्यूयॉर्क टाइम्स में जब चर्चा होती है और मनीष सिसोदिया की असली तश्वीर छपती है, तो भाजपा के लोग उसको मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इतनी नफरत क्यों है? मैं भाजपा वालों से पूछना चाहता हूं कि दिल्ली के बच्चों, शिक्षकों और दिल्ली की शिक्षा से भाजपा वालों को इतनी नफरत क्यों है?