छग के वो विधायक जिन्हें अगली बार मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह,इन्हें मिल सकती है इन विभागों की ज़िम्मेदारी

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है, दोस्तों विधानसभा चुनाव को अब सिर्फ कुछ महीने ही बाकी हैं, ऐसे में इसकी तैयारियां ज़ोर-शोर से शुरू हो चुकीं हैं। जब पिछली बार विधानसभा चुनाव हुए थे तब बहुत से ऐसे राजनेता थे जो पहली बार विधायक बने थे इस वजह से उन्हें भूपेश कैबिनेट में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई, हलाकि उनमें से कुछ को बतौर संसदीय सचिव एडजस्ट करने की कोशिश ज़रूर की गई। लेकिन इस बार अगर कांग्रेस की सरकार दोबारा बनती है तो बहुत हद तक सम्भव है कि उन्हें कैबिनेट में जगह मिल सकती है। हलाकि आगे बढ़ने से पहले हम आपको यह स्पष्ट कर दें कि यह महज़ एक विश्लेषण है कोई पूर्वानुमान नहीं, इसके आधार पर ही हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगली बार अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है और यह विधायक जीतते हैं तो उनके पोर्ट फोलियो में कौन से विभाग आ पाते हैं।
देवेंद्र यादव : देवेंद्र यादव भिलाई से विधायक हैं। वो भिलाई नगर निगम के महापौर भी रह चुके हैं। देवेंद्र यादव के नाम प्रदेश के सबसे युवा महापौर होने का खिताब हासिल है। भिलाई में उनकी छवि एक सक्रीय और उभरते हुए राजनेता के तौर पर है। एनएसयूआई संघटन से निकले देवेंद्र यादव युवाओं के बीच अपनी मज़बूत पकड़ रखते हैं और अक्सर आयोजनों या पार्टियों की रैलियों में युवाओं से घिरे रहते हैं। वो खेल-कूद जैसे आयोजनों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, ऐसे में इस बार अगर वो दोबारा चुनाव जीतते हैं तो उन्हें कैबिनेट में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री की ज़िम्मेदारी मिल सकती है।
विकास उपाध्याय : विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम विधानसभा से विधायक हैं। विकास उपाध्याय भी प्रदेश के युवा विधायकों में से एक हैं। जब विकास उपाधयाय विपक्ष में थे तब अक्सर तत्कालीन रमन सरकार के खिलाफ अपने अनोखे आंदोलनों के चलते वो सुर्ख़ियों में रहते थे। खासकर तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ मोर्चा खोलने की वो कोई कसार नहीं छोड़ते थे, उन्होनें विपक्ष में रहते हुए इस विभाग में कई भ्रष्टाचारों को उजागर किया था और अब जब वो राजेश मूणत की ही विधानसभा यानी पश्चिम से विधायक हैं तब सरकार ने उन्हें संसदीय सचिव की भी ज़िम्मेदारी सौंपी है और पीडब्लूडी विभाग का कार्यभार दिया है। यदि अगली बार भी विकास उपाधय चुनाव जीतकर विधायक बनते हैं और यहाँ कांग्रेस की सरकार आती है तो बहुत संभव है कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए यह विभाग ही दिया जाए।
शकुंतला साहू : शकुंतला साहू कसडोल से विधायक हैं। पहले अपनी सौम्य छवि के लिए जाने जानीं वालीं शकुंतला साहू अब एक आक्रामक और तेज तर्रार नेता के रूप में गिनी जातीं हैं। इनके चुनाव जीतने के बाद से कुछ ऐसे भी वाकये सामने आए जब विवाद खड़ा हुआ। हलाकि सीएम भूपेश बघेल तो इन्हें अपनी बेटी तक कह चुके हैं। अगर शकुंतला दोबारा अपनी विधायकी बरक़रार रख पातीं हैं तब उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग का ज़िम्मा दिया जा सकता है।
शैलेश पांडेय : शैलेश पांडेय बिलासपुर से कांग्रेस विधायक हैं। शैलेश पांडेय राजनीती में आने से पहले बिलासपुर की ही डॉ सीवी रमन यूनिवर्सिटी में कुलपति रह चुके हैं। उनके अध्ययन-अध्यापन का एक लम्बा अनुभव रहा है। शैलेश पांडेय हमारे प्रदेश के पढ़े-लिखे विधायकों में से एक हैं। अगर दोबारा वो चुनाव जीतते हैं और सर्कार बनती है तब बहुत सम्भव है कि उनकी झोली में शिक्षा विभाग या उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व आ सकता है।
तो दोस्तों, यह था हमारा विश्लेषण प्रदेश के भावी मंत्रियों को लेकर, लेकिन क्या आप मानते हैं कि इन्हें कोई और विभाग भी मिल सकता है या फिर इनके अलावा भी कुछ नाम ऐसे हो सकते हैं जिन्हें आगामी समय में मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है ?