छग में जिन कांग्रेस नेताओं ने खाई थी गंगाजल की शपथ,आज हैं बीजेपी का हिस्सा
The Congress leaders who took the oath of Gangajal in Chhattisgarh are now part of BJP
नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। दोस्तों हमने आपको अभी खबर दिखाई थी कि किस तरह हमारे छत्तीसगढ़ के साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रिय स्तर के नेता रायपुर आए थे, जहाँ उन्होनें गंगाजल हाथ में लेकर शपथ खाई थी कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो घोषणापत्र में लिखे सभी वादे पूरे किए जाएंगे।
दोस्तों इस घटना को अब पांच साल होने को है, मगर हम आपको बता दें कि उस समय जिन नेताओं ने कांग्रेस की ताल ठोकते हुए हाथ में गंगाजल लिया था अब वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की चुनावी नैय्या कहने में मस्त है। इन नेताओं में प्रमुख रूप से दो नाम शामिल हैं, पहले हैं जयवीर शेरगिल और दुसरे आरपीएन सिंह।
सबसे पहले बात करते हैं जयवीर शेरगिल की। जयवीर शेरगिल ने पिछले साल यानी 2022 के अगस्त महीने में ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। 2022 के अगस्त महीने में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले जयवीर शेरगिल इसके चार महीने बाद बीजेपी में शामिल हो गए। वे कांग्रेस पार्टी के सबसे युवा राष्ट्रीय प्रवक्ता थे. 39 वर्षीय जयवीर शेरगिल ने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस पर कड़े आरोप लगाए थे. जयवीर ने कहा था कि उन्होंने सबसे पुरानी पार्टी के साथ सभी संबंध तोड़ने का फैसला किया है क्योंकि चाटुकारिता ‘दीमक’ की तरह संगठन को खा रही है.
तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा जयदीप शेरगिल ने पार्टी पर बड़े आरोप लगाए थे. उन्होंने पार्टी की तत्कालीन अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा था कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं. कांग्रेस में हर आए दिन नेताओं के इस्तीफे से साफ जाहिर हो रहा है कि पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है. अब जयवीर शेरगिल को आप बीजेपी की तरफ से पार्टी का पक्ष रखते और टीवी डिबेट्स में कांग्रेस के खिलाफ ज़हर उगलते देख सकते हैं।
दुसरे नेता थे आरपीएन सिंह,आरपीएन सिंह मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं. वो कुशीनगर से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. आरपीएन सिंह राजपरिवार से आते हैं. लोकसभा चुनाव जीतने से पहले आरपीएन सिंह पडरौना सीट से ही विधायक भी थे.आरपीएन सिंह ने पिछले साल बीजेपी की सदस्य्ता ले ली है। उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस ने आरपीएन सिंह को स्टार प्रचारकों की सूची में जगह दी थी. लेकिन, अचानक वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। आरपीएन सिंह करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं और 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रह चुके हैं।
दोस्तों, इन दो बड़े राष्ट्रिय स्तर के कोंग्रेसी नेताओ का पार्टी से सालों बाद अलग होना और उस पार्टी में शामिल होना जिससे यह नफरत करने की बात करते थे, जिसे देश और विकास विरोधी बताते थे, इसे आप किस नज़र से देखते हैं ? क्या वाकई राजनीती में सबकुछ संभव है तभी कांग्रेस की ओर से हाथ में गंगाजल लेकर कसमें खाने वाले यह नेता पाला बदल चुके हैं ?