तोखन साहू को क्यों बनाया गया केंद्रीय मंत्री,एक ही क्लिक में जानें पूरी खबर

रायपुर। नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली हैं। उनके मंत्रिमंडल में बिलासपुर से सांसद तोखन साहू को भी जगह मिली है। इसके बाद भाजपा में कहीं खुशी तो कहीं गम है, लेकिन प्रदेश में पार्टी के दिग्गज नेताओं समेत आम लोगों में भी यह सवाल है कि आखिर तोखन साहू को ही क्यों मौका दिया गया। आखिर ऐसी क्या बात रही कि 8वीं बार विधायक चुने गए और प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद बने बृजमोहन अग्रवाल, दूसरी बार सांसद चुने गए संतोष पांडेय और विजय बघेल जैसे नेताओं की बजाए पहली बार सांसद चुने गए तोखन को चुना गया। तो आप को बता दें कि, तोखन साहू के मंत्री बनने की स्क्रिप्ट अप्रैल के महीने से लिखी जानी शुरू हो गई थी। साहू समाज भाजपा के टिकट बंटवारे को लेकर बेहद नाराज था। इस नाराजगी को पार्टी पहले ही भांप गई थी। किसी तरह का नुकसान ना हो इस वजह से एक वादा समाज से भाजपा ने किया और फिर सब कुछ बदल गया। साहू समाज से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने साहू समाज से सिर्फ एक प्रत्याशी को ही मौका दिया। वह नाम था तोखन साहू का। इससे पहले साल 2014 और 2019 में साहू समाज के 2 नेताओं को टिकट दिया गया था। जब एक ही नेता को टिकट मिला तो साहू समाज एकजुट होने लगा और भाजपा के खिलाफ रणनीति तैयार की जाने लगी।
छत्तीसगढ़ में सियासी रेस बिना साहू समाज के सपोर्ट के जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा को भर भरकर इस समाज से वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में तो समाज ने वोट की जगह चोट देने की ठान ली थी। प्रदेश के हर विधानसभा लोकसभा क्षेत्र में साहू आबादी का दबदबा है। इसे देखते हुए भाजपा ने फौरन अपने कुछ नेताओं को जिनकी अच्छी पकड़ हैं उन्हें समाज के लोगों से मिलने के लिए भेजा। कुछ घंटों तक चली मीटिंग के बाद संगठन की ओर से एक वादा किया गया कि आप हमारे कैंडिडेट का सपोर्ट करें समाज को अच्छा प्रतिनिधित्व मिलेगा। इस वादे के बाद हालात बदलने लगे साहू समाज ने तय किया कि अब बीजेपी का सपोर्ट करेंगे। वादे के बाद साहू समाज ने तय किया कि पूरे प्रदेश में साहू वोटर भाजपा का साथ देगा। इसे ऐसे समझिए कि साहू समाज ने अपने समाज के उन नेताओं को भी नहीं जिताया, जिन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया। कांग्रेस ने दुर्ग से राजेंद्र साहू, महासमुंद से पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को टिकट दिया था। ये दोनों हार गए, दोनों ही नेताओं के सामने भाजपा ने गैर साहू को उतारा मगर वो जीत गए।
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा आबादी साहू समाज के लोगों की है। इनकी संख्या 30 लाख 5 हजार 661 है। इसका खुलासा भूपेश कार्यकाल में बनवाई गई क्वांटिफायबल डेटा लीक से हुआ है जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसके मुताबिक 1 करोड़ 25 लाख 7 हजार 169 हेड काउंट में सबसे बड़ा ओबीसी वर्ग है।