
रायपुर। छत्तीसगढ़ एक बार फिर देश की आंतरिक सुरक्षा और विकास नीति के केंद्र में आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 और 23 जून को दो दिवसीय दौरे पर राज्य आ रहे हैं। यह दौरा न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल करेगा, बल्कि केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को जमीनी हकीकत से जोड़ने का प्रयास भी करेगा।
विकास की नींव, सुरक्षा का भरोसा
दौरे की शुरुआत नया रायपुर स्थित अटल नगर से होगी, जहां अमित शाह नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी जैसे प्रमुख संस्थानों का उद्घाटन करेंगे। इन संस्थानों की स्थापना राज्य को अपराध जांच की वैज्ञानिक दक्षता में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। इससे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्य भारत के अन्य राज्यों को भी लाभ होगा।
सुरक्षा पर उच्चस्तरीय मंथन
इसके बाद गृह मंत्री मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बंद कमरे में उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। इस बैठक का केंद्रबिंदु राज्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति, अभियानों की प्रगति और भविष्य की रणनीतियां होंगी। यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर खड़ी है।
नारायणपुर में जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे शाह
दौरे के दूसरे दिन गृह मंत्री नारायणपुर जिले का दौरा करेंगे—जो लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का गढ़ रहा है। वहाँ वे सुरक्षा बलों के जवानों से सीधा संवाद करेंगे और स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर विकास योजनाओं की प्रगति की पड़ताल करेंगे। माना जा रहा है कि यह संवाद न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सरकार की योजनाएं ज़मीन पर कितनी प्रभावी हैं।
नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार की तैयारी?
शाह की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब केंद्र सरकार नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम रणनीतिक चरण की ओर बढ़ रही है। पिछले एक साल में छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में नक्सली घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में यह दौरा विकास और सुरक्षा की दोहरी रणनीति को मजबूती देने वाला साबित हो सकता है।
अमित शाह का यह दौरा सिर्फ एक राजनीतिक दौरा नहीं, बल्कि नक्सल बेल्ट में स्थायित्व और विश्वास की नई पटकथा लिखने की कोशिश है। यह साफ संकेत है कि केंद्र सरकार सुरक्षा और विकास दोनों मोर्चों पर निर्णायक कार्रवाई के मूड में है।