छत्तीसगढ़ का बेटा राजशेखर पैरी अब जल्द भरेगा सितारों की उड़ान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के छोटे से कस्बे पेंड्रा से निकला एक सपना अब अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंचने को तैयार है। राजशेखर पैरी—एक साधारण परिवार से आने वाला असाधारण हौसले वाला नौजवान—जल्द ही अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरेगा। उन्हें अमेरिकी निजी एयरोस्पेस कंपनी Titan Space Industries ने अपने पहले अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना है। और सबसे खास बात—वो इस मिशन में चुने गए पहले भारतीय छात्र हैं।
ये सफर अचानक नहीं शुरू हुआ। 19 साल की उम्र में राजशेखर ने NASA को सिर्फ एक सवाल पूछने के लिए मेल किया था: “एस्ट्रोनॉट बनने की प्रक्रिया क्या होती है?” उम्मीदें बहुत ज़्यादा नहीं थीं, लेकिन 4 दिन बाद जो जवाब आया, उसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
NASA ने उन्हें न सिर्फ विस्तार से एस्ट्रोनॉट बनने की प्रक्रिया समझाई, बल्कि यह भी कहा कि वे इस सपने को देखने के लिए उन्हें बधाई देते हैं। इस जवाब ने राजशेखर के भीतर कुछ जगा दिया—आत्मविश्वास, जुनून और वो जिद जो सितारों तक पहुंचा देती है।
राजशेखर कहते हैं, “उस एक मेल ने जैसे मेरी आंखें खोल दीं। मैं जान गया था कि ये सपना मेरा भी हो सकता है। और तभी खुद से वादा किया—अब तो स्पेस में जाना ही है।”
आज वह वादा पूरा होने जा रहा है। राजशेखर पैरी, जो कभी सिर्फ यह जानना चाहते थे कि अंतरिक्ष यात्री कैसे बना जाता है, अब खुद इस सफर का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ ने कई रत्न देश को दिए हैं, लेकिन राजशेखर की ये उड़ान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नई प्रेरणा बन सकती है—कि सपने किसी बड़े शहर की देन नहीं होते, वो हिम्मत और हौसले से पूरे होते हैं।