छत्तीसगढ़बड़ी खबरेंरायपुर

जब अटल जी की शोकसभा में ठहाके लगा रहे थे रमन सरकार के यह मंत्री,अटलजी की भतीजी ने मांग लिया था इस्तीफा

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों आज हम आपको छत्तीसगढ़ के दो बड़े राजनेताओं से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसने पूरे राष्ट्रिय स्तर पर छत्तीसगढ़ बीजेपी को चर्चा में ला दिया था और इस चर्चा के केंद्र बिंदु में थे पूर्ववर्ती रमन सरकार के दो मंत्री एक थे बृजमोहन अग्रवाल वहीं दुसरे अजय चंद्राकर।

बात 23 अगस्त साल 2018 की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद भाजपा कई राज्यों में अस्थि कलश यात्रा निकाल रही थी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अस्थि कलश यात्रा पहुंचने के बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। लेकिन, इस शोकसभा के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि जो राज्य की भाजपा सरकार के लिए फजीहत की वजह बन गया। साथ ही विरोधी पार्टी कांग्रेस को हमला बोलने का मौका मिल गया।

रायपुर में अटल जी की श्रद्धांजलि सभा के दौरान मंच पर मौजूद दो मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर हंसी-ठिठोली करते दिखे। शोक सभा में दो मंत्रियों की हरकत देख बगल में बैठे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक असहज हो गए और उन्हें डांट लगा दी। कौशिक की डांट के बाद दोनों मंत्री शांत हुए। मगर तब तक भाजपा मंत्रियों की हंसी-ठिठोली का वीडियो वायरल हो गया है और ये सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जाने लगा।

यह घटना उस समय घटी जब अस्थि कलश यात्रा भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर पहुंची थी। कार्यक्रम के दौरान मंच पर बैठे अजय चंद्राकर ने भाजपा राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय को मोबाइल पर डेंगू बीमारी की कुछ वीडियो क्लिप दिखाई। जिसके बाद दोनों मंत्री ठहाके मारने लगे। इसी साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी थे लिहाज़ा इस मुद्दे को कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए खूब भुनाया।

तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि शोकसभा के मंच पर ऐसा होना अशोभनीय है। भाजपा में कितना आडंबर और दिखावा है, यह यहां दिख रहा है। यही नहीं अटलजी की भतीजी करूणा शुक्ला ने कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों के व्यवहार से दुख हुआ है.छत्तीसगढ़ को एक अलग राज्य बनाने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति उनमें कोई सम्मान नहीं है.’ बता दें कि छत्तीसगढ़ का गठन उस समय हुआ था, जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. करुणा शुक्ल ने यह कहते हुए इन दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की भी मांग की थी।

इसके बाद विवाद बढ़ता देख तत्कालीन रमन सरकार का भी इस विवाद पर जवाब आया। पार्टी ने कहा कि उस दिन मंच पर जो हुआ वो एक मानवीय त्रुटि थी, इसके लिए दोनों नेताओं को पार्टी स्तर पर समझाया गया है। मगर इतने बड़े महापुरुष की शोकसभा में इस तरह का व्यवहार ? वो भी दिग्गज नेताओं के द्वारा। इसे आप कितना गलत मानते हैं और क्या आप यह मानते हैं कि मानवीय त्रुटिवश ऐसा हुआ ?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button