कोरबा जिले के मांचाडोली स्कूल में जीव विज्ञान की शिक्षिका की तैनाती से दिखने लगे बदलाव

रायपुर। राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण योजना अब जमीनी स्तर पर असर दिखा रही है। इस योजना के तहत दूरदराज के इलाकों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिलने लगी है। कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मांचाडोली इसका एक अच्छा उदाहरण बनकर सामने आया है।
हाल ही में यहाँ जीव विज्ञान विषय के लिए शिक्षिका राजमणि टोप्पो की तैनाती हुई है। उनके आने के बाद स्कूल के शैक्षणिक माहौल में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है। पहले जहाँ विषय विशेषज्ञ की कमी के चलते छात्रों को जीव विज्ञान के कठिन विषय समझने में परेशानी होती थी, वहीं अब पढ़ाई में बच्चों की रुचि और समझ दोनों बढ़ी है।
राजमणि टोप्पो ने अपने शिक्षण में मॉडल, चार्ट और संवाद आधारित पद्धतियों को शामिल कर पढ़ाई को रोचक बना दिया है। इससे छात्रों को न सिर्फ विषय समझने में आसानी हो रही है, बल्कि आत्मविश्वास और सवाल पूछने की आदत भी विकसित हो रही है।
कक्षा 12वीं के छात्र दीक्षांत दास मानिकपुरी कहते हैं, “पहले कोशिका और डीएनए जैसे शब्द हमें उलझा देते थे, अब हर चीज़ स्पष्ट होने लगी है।” वहीं छात्रा नंदनी यादव ने बताया कि “अब चित्र बनाकर समझना और याद रखना आसान हो गया है।” यास्मीन नाम की छात्रा ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “अब हम बेझिझक सवाल पूछते हैं, शिक्षिका हमें प्रोत्साहित करती हैं।”
शिक्षिका राजमणि टोप्पो का मानना है कि बच्चों में सीखने की प्रबल इच्छा है, बस उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है। वे हर विषय को बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी से जोड़कर समझाने की कोशिश करती हैं, जिससे वे आसानी से उसे आत्मसात कर सकें।
विद्यालय के प्राचार्य के. आर. भारद्वाज ने बताया कि राज्य सरकार की इस पहल से छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार आया है, और इससे परीक्षा परिणामों में भी सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।
ग्रामीण स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति न सिर्फ दूरदर्शी सोच का परिणाम है, बल्कि यह कदम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हाशिए पर मौजूद क्षेत्रों तक पहुँचाने की दिशा में मजबूत पहल भी है।