क्या कनाडा अब “फ़ाइव आइज़” से बाहर होगा? ट्रंप की नई रणनीति में बड़ा बदलाव!
अमेरिका और कनाडा के रिश्तों में तल्ख़ी एक नई ऊँचाई पर पहुँच चुकी है

संयुक्त राज्य अमेरिका, विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में, अब एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है — कनाडा को ‘फ़ाइव आइज़’ (Five Eyes) खुफिया साझेदारी से बाहर का रास्ता दिखाने की योजना पर काम चल रहा है।
ये वही ‘फ़ाइव आइज़’ खुफ़िया नेटवर्क है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और कनाडा शामिल हैं। लेकिन कनाडा की हालिया विवादास्पद गतिविधियों, जैसे कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर बिना सबूत आरोप लगाना, अब उसके गले की फांस बनती दिख रही है।
ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो की भूमिका
इस रणनीतिक बदलाव के पीछे एक बड़ा नाम सामने आया है — पीटर नवारो, जो ट्रंप के प्रमुख सलाहकार हैं। उन्हीं की सिफारिश पर ट्रंप ने मौखिक रूप से कनाडा को बाहर करने की सहमति दे दी है। अब केवल औपचारिक घोषणा बाकी है।
ड्रग्स, बॉर्डर और 51वाँ राज्य?
ट्रंप के अनुसार, कनाडा केवल एक पड़ोसी नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए “सुरक्षा ख़तरा” बन चुका है।
उनके आरोपों में शामिल हैं:
अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी
अवैध आप्रवासन
और हद तो तब हो गई जब उन्होंने कई बार कनाडा को “अमेरिका का 51वाँ राज्य” तक कह डाला।
अंदरूनी विरोध और अंतरराष्ट्रीय असर
लेकिन यह फ़ैसला इतना सीधा नहीं है। अमेरिका के कई रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व खुफ़िया अधिकारी इस पर सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि कनाडा को ‘फ़ाइव आइज़’ से हटाना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर सकता है और कनाडा के साथ लंबे समय से चले आ रहे रक्षा संबंधों में दरार डाल सकता है।




