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बिलासपुर हाईकोर्ट ने सांसद भोजराज नाग की अर्जी खारिज की, कांकेर लोकसभा चुनाव याचिका पर होगी मेरिट से सुनवाई

रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने कांकेर से भाजपा सांसद भोजराज नाग द्वारा दायर उस अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका को प्रथम दृष्ट्या निरस्त करने की मांग की थी। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता ने मतगणना प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से जुड़े पर्याप्त तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, इसलिए मामला मेरिट पर सुनवाई योग्य है।

गौरतलब है कि कांकेर लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद भोजराज नाग के खिलाफ वीरेश ठाकुर ने 18 जुलाई 2024 को चुनाव याचिका दायर की थी। याचिका में 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए कई बूथों की दोबारा मतगणना और 15 मतदान केंद्रों पर पुनः मतदान की मांग की गई थी। ठाकुर ने अपनी याचिका में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ईवीएम में गड़बड़ी, वोटिंग डाटा के प्रसारण में देरी और मतगणना प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि गोंडर देही, डोंडी, लोहारा समेत कई विधानसभा क्षेत्रों के बूथों पर डाटा ट्रांसमिशन के दौरान हेरफेर हुई और मतदान आंकड़ों में भिन्नता सामने आई। इन बिंदुओं के आधार पर पुनः गिनती और मतदान की मांग उठाई गई है।

वहीं सांसद भोजराज नाग ने कोर्ट के सामने यह तर्क रखा कि चुनाव याचिका में भ्रष्ट आचरण का कोई ठोस आरोप नहीं लगाया गया है। उनकी ओर से कहा गया कि यह याचिका “रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951” की धारा 81, 82 और 83 का उल्लंघन है और इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए। सांसद की ओर से यह भी कहा गया कि चुनाव आयोग को पक्षकार नहीं बनाया गया है और याचिका उम्मीदवार की बजाय वकील के जरिए दाखिल की गई है, जो विधि के अनुसार गलत है।

लेकिन हाईकोर्ट ने इन आपत्तियों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि याचिका में मतगणना में गड़बड़ी, ईवीएम संबंधी अनियमितताओं और डाटा ट्रांसमिशन की खामियों को लेकर पर्याप्त तथ्य और साक्ष्य मौजूद हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को पक्षकार बनाने की कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं है और याचिका “धारा 81, 82 और 83” के अनुरूप है। साथ ही न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिका खुद वीरेश ठाकुर द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित है, इसलिए यह विधिक रूप से मान्य है।

कोर्ट ने कहा कि भोजराज नाग की आपत्तियां न्यायालय को स्वीकार्य नहीं हैं और चुनाव याचिका को खारिज करने का कोई आधार नजर नहीं आता। अब इस चुनाव याचिका की मेरिट पर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर 2025 के लिए तय की है।

इस आदेश के बाद कांकेर लोकसभा सीट से जुड़े राजनीतिक और कानूनी घटनाक्रमों पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी।

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