मुस्कुराहट लौट आई मासूम की आंखों में, सरकार ने संभाला दिल का दर्द

बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 11 वर्षीय शांभवी की मासूमियत भरी आंखों में सवाल था — “पापा, मैं ठीक हो जाऊंगी क्या?” परिवार खेती-किसानी से गुजारा करता था, और जब डॉक्टरों ने चार महीने पहले रियूमेटिक हार्ट डिजीज की बात कही, तो सब कुछ जैसे थम गया। रायपुर में एडवांस इलाज की सलाह मिली, पर खर्च ने उम्मीदों को कमzor कर दिया।
मां की चिंता और पिता की आंखों में छिपी बेचैनी के बीच, परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर इलाज तुरंत शुरू हुआ, और पूरी लागत राज्य की स्वास्थ्य योजना ने उठाई।
रायपुर के एक निजी अस्पताल में सफल दिल के वाल्व रिप्लेसमेंट के बाद, शांभवी अब स्वस्थ है और अपने परिवार के बीच लौट आई है। यह सिर्फ एक बच्ची की जीत नहीं, बल्कि हर गरीब परिवार के लिए उम्मीद की नई किरण है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हर बच्ची की मुस्कान, हर परिवार की उम्मीद हमारी प्राथमिकता है।”