धान का रकबा घटा, दलहन-तिलहन में बढ़त, किसानों का रुझान फसल विविधीकरण की ओर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विगत वर्ष धान की बंपर पैदावार के बावजूद अब किसान पारंपरिक फसलों के साथ अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, खासकर कोरिया जिले में। यहाँ के किसान अब केवल धान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दलहन, तिलहन जैसी नकदी फसलों की खेती में भी रुचि दिखा रहे हैं, जिससे फसल विविधीकरण की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव दर्ज किया जा रहा है।
धान के रकबे में 2.75% की गिरावट
कृषि विभाग कोरिया के अनुसार, खरीफ वर्ष 2024-25 में जिले में 33,842 हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी, जबकि 2025-26 में यह घटकर 32,920 हेक्टेयर रह गई है। इस प्रकार धान के रकबे में 922 हेक्टेयर यानी 2.75 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
दलहन में 5.82%, तिलहन में 21.23% की वृद्धि
वहीं, दलहन और तिलहन फसलों के रकबे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दलहन का रकबा 9,194 हेक्टेयर से बढ़कर 9,730 हेक्टेयर हो गया है—536 हेक्टेयर (5.82%) की बढ़ोतरी। तिलहन की खेती 1,874 हेक्टेयर से बढ़कर 2,272 हेक्टेयर तक पहुँच गई है—398 हेक्टेयर (21.23%) की वृद्धि।
मूंगफली की बुआई में 38.61% की छलांग
मूंगफली की फसल में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। पिछले वर्ष जहाँ 933 हेक्टेयर में मूंगफली बोई गई थी, वहीं इस वर्ष यह आंकड़ा 1,520 हेक्टेयर तक पहुँच गया—587 हेक्टेयर (38.61%) की बढ़ोतरी।
किसान अब अर्न्तवर्तीय फसलों की ओर
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उठाए गए ठोस कदमों का असर अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है। कोरिया जिले के किसान अब धान के साथ-साथ दलहन और तिलहन फसलों से अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटे हैं। कृषि विभाग द्वारा उन्नत बीज, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
जलवायु और मिट्टी की अनुकूलता को देखते हुए आने वाले समय में कोरिया जिला दलहन-तिलहन उत्पादन में अग्रणी स्थान बना सकता है।