दीक्षांत समारोह में गूँजे प्रेरक शब्द — मजबूत इच्छाशक्ति, अनुशासन और नवाचार से बनाएं उज्जवल भविष्य

रायपुर। छत्तीसगढ़ हर क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्यपाल रमेन डेका ने ऑफ्ट विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अवसरों को पहचानें, सोचें और उनका सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्यों को पाने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति आवश्यक है।
समारोह में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त 65 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और कुल 324 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। राज्यपाल ने कहा कि अनुशासन और समय की पाबंदी प्रबंधन के अहम पहलू हैं। समय का सही उपयोग कर अपनी क्षमता और योग्यता को निखारें। उन्होंने यह भी कहा कि स्वस्थ शरीर से ही व्यक्ति अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य कर सकता है।
रमेन डेका ने सिनेमा, फोटोग्राफी और फैशन डिजाइनिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में अपार संभावनाओं की बात करते हुए कहा कि सिनेमा एक प्रभावशाली माध्यम है जिससे समाज को संदेश दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज और देश के लिए कुछ लौटाएं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि कॉलेज जीवन एक सुंदर पड़ाव है, लेकिन असली संघर्ष इसके बाद शुरू होता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में ऐसा कार्य करें जो केवल लाभ के लिए नहीं बल्कि बदलाव के लिए हो। समाज आपसे आशा रखता है — उसके लिए काम करें। उन्होंने विश्वास जताया कि हर छोटा प्रयास भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
राज्यपाल ने पदक एवं उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि उत्कृष्टता की ओर निरंतर आगे बढ़ते रहें।
उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब वह व्यक्ति में दायित्वबोध और नवाचार की भावना जगाए। यह समारोह केवल उपाधियाँ देने का अवसर नहीं, बल्कि मेहनत, संकल्प और उत्कृष्टता का उत्सव है।
समारोह में कुलाधिपति डॉ. संदीप मारवाह, विधायक पद्मश्री अनुज शर्मा और निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन वी. के. गोयल ने भी अपने विचार साझा किए। विश्वविद्यालय की संचालक शिखा वर्मा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कुलपति, कुलसचिव, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।




