भारत ने बांग्लादेश की अपील पर दिया जवाब: शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर शुरू हुई कानूनी समीक्षा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर पड़ोसी देश की अपील पर भारत ने औपचारिक प्रतिक्रिया दे दी है। भारत सरकार फिलहाल हसीना से जुड़े अनुरोध की विस्तृत कानूनी और न्यायिक जांच कर रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि ढाका की ओर से भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध की समीक्षा चल रही है। उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति, लोकतंत्र और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में सभी हितधारकों के साथ संवाद जारी रहेगा।
पांच अगस्त 2024 को बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत आई थीं और तब से यहीं रह रही हैं।
ICT का बड़ा फैसला
बीते सप्ताह बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने 2024 के जुलाई-अगस्त आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के मामलों में शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई। जस्टिस मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाली अदालत ने 453 पन्नों के निर्णय में हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया।
इस फैसले के बाद ढाका सरकार ने भारत पर उनके प्रत्यर्पण को लेकर दबाव बढ़ा दिया है, जबकि नई दिल्ली इस मामले को पूरी सावधानी और प्रक्रियागत मानकों के साथ देख रही है।
भारत में शरण लिए एक साल से अधिक समय
शेख हसीना पिछले एक साल से ज्यादा समय से भारत में रह रही हैं। ICT के फैसले के बाद बांग्लादेश सरकार की ओर से उनकी वापसी की मांग और भी मुखर हो गई है। मौजूदा राजनीतिक हालात और कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता को देखते हुए यह मामला दोनों देशों के रिश्तों के लिए काफी संवेदनशील बन गया है।




