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नवा रायपुर में बनेगा अत्याधुनिक फूड–ड्रग टेस्टिंग लैब कॉम्प्लेक्स, सरकार ने दी 46.49 करोड़ की मंजूरी

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने नवा रायपुर में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला सह एफडीए भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। 46 करोड़ 49 लाख 45 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति के साथ यह परियोजना 2025–26 के मुख्य बजट का अहम हिस्सा बनेगी और प्रदेश में खाद्य व दवा जांच क्षमताओं को बड़ा विस्तार देगी।

नया कॉम्प्लेक्स 1.5 एकड़ भूमि पर विकसित होगा। फिलहाल रायपुर स्थित मौजूदा लैब करीब 5 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में काम कर रही है, लेकिन प्रस्तावित प्रयोगशाला 30 हजार वर्ग फीट के विशाल क्षेत्र में तैयार होगी। इसे आधुनिक ड्रग और इनफोर्समेंट उपकरणों से लैस किया जाएगा।

नई लैब के बनने के बाद रासायनिक परीक्षण क्षमता 500–800 नमूने प्रतिवर्ष से बढ़कर 7000–8000 नमूने प्रतिवर्ष तक पहुंच जाएगी। माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्टिंग की क्षमता 2000 नमूने प्रतिवर्ष होगी। मेडिकल डिवाइसेस—जैसे कैथेटर और हैंड ग्लव्स—का परीक्षण, जो वर्तमान में नहीं होता, अब 500 नमूने प्रति वर्ष के स्तर पर शुरू किया जाएगा। फार्मास्यूटिकल नमूनों की जांच भी 50 से बढ़कर 1000 प्रतिवर्ष तक हो जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस स्वीकृति पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि नई प्रयोगशाला राज्य की खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य संरचना को नई मजबूती देगी। उनके अनुसार यह सुविधा जांच प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करेगी तथा जनता को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद और दवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

जायसवाल ने यह भी कहा कि नवा रायपुर में तैयार होने वाला यह आधुनिक परिसर राज्य के लिए मॉडल लैबोरेटरी के रूप में विकसित होगा और संपूर्ण स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने में अहम योगदान देगा।

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