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अहमदाबाद ; तोगडिय़ा पर अहमदाबाद पुलिस की सफाई, नहीं हुई गिरफ्तारी

अहमदाबाद  :  विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा कहां हैं यह पता नहीं चल पा रहा है। दरअसल, राजस्थान पुलिस तोगडिय़ा को धारा 144 के अंतर्गत 10 वर्ष पुराने एक मामले में गिरफ्तार करने सोमवार सुबह पहुंची। इस बात की जानकारी राजस्थान पुलिस ने लोकल पुलिस स्टेशन (सोला पुलिस स्टेशन) को दी।
सोला पुलिस स्टेशन के अधिकारी के मुताबिक, राजस्थान पुलिस तोगडिय़ा की गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर पहुंची लेकिन वह मौजूद नहीं थे। इसके बाद पुलिस उन्हें बिना गिरफ्तार किए ही वापस लौट गई। सुबह 10 बजे से तोगडिय़ा गायब हैं, जिस बात से नाराज वीएचपी समर्थकों ने अहमदाबाद में प्रदर्शन किया।
इस बीच अमहादाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) जेके भट्ट ने मीडिया को बताया कि न तो राजस्थान पुलिस और न ही गुजरात पुलिस ने तोगडिय़ा को गिरफ्तार किया है। शहर के पालदी इलाके में स्थित वीएचपी दफ्तर के सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि तोगडिय़ा रविवार को रात में एक बजे आखिरी बार देखे गए थे। तोगडिय़ा ने कहा था कि वह दोपहर ढाई बजे तक लौटेंगे। उस वक्त दाढ़ी वाला एक शख्स उनके साथ मौजूद था।
इस बीच गुजरात वीएचपी के महासचिव रणछोड़ भारवाड़ का कहना है कि प्रवीण तोगडिय़ा कहां हैं, अगर इस बारे में प्रशासन की तरफ से जानकारी नहीं दी गई, तो वीएचपी कार्यकर्ताओं को जल्द ही सडक़ पर उतरने का संदेश दिया जाएगा।
अहमदाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) का कहना है कि पुलिस वीएचपी कार्यकर्ताओं के संपर्क में है और वीएचपी दफ्तर का सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला जा रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि सोमवार शाम को किसी के लापता होने की शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है। तोगडिय़ा के खिलाफ गंगापुर सिटी मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने धारा 188 के तहत वॉरंट जारी किया है।
वीएचपी प्रवक्ता ने लगाया आरोप
जयशाह, जिन्हें तोगडिय़ा का करीबी माना जाता है और वीएचपी के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा, प्रवीण भाई को सोला और गंगानगर पुलिस ने बगैर किसी पूर्व सूचना के ऐसे गिरफ्तार कर लिया जैसे वह कोई बहुत बड़े मुजरिम हों। उन्हें वकीलों से भी मिलने की इजाजत नहीं दी गई। वह अस्वस्थ थे। इसी वजह से वह आराम कर रहे थे। यदि उन्हें पता चल गया होता तो वह खुद ही गंगानगर चले जाते। धोतीकांड की तर्ज पर यह दूसरा मौका है जब उन्हें गलत मुकदमे में फंसाया जा रहा है। प्रवीण भाई लगातार राम मंदिर समेत धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर दबाव बना रहे थे। हमें डर है कि कहीं गैर हिंदू ताकतों द्वारा साजिश रचकर उनकी हत्या न करा दी जाए।
 

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