कोरोना वायरस: भोपाल के बेटे का पिता का शव लेने से इंकार, जोधपुर की बेटी गली-गली गाना गाकर लोगों को कर रही है जागरुक

- कोरोना के डर से पिता का शव लेने से बेटे का इंकार, तहसीलदार ने किया अंतिम संस्कार
- जोधपुर की डॉक्टर हिना अफताब, सूनी गलियों में गाना गाकर लोगों को कर रही है जागरुक
जोधपुर, राजस्थान के हॉट स्पॉट जोधपुर के नागौरी गेट की गलियों में पसरे सन्नाटे के बीच डॉ. हिना आफताब गाना गाते हुए लोगों को कोरोना से बचाने में जुटी हैं । वे यहां ‘जिंदगी हर कदम एक नई जंग है, जीत जाएंगे हम, तू अगर संग है’ गीत गुनगुनाते हुए लोगों को सैंपल देने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होने कहा कि कि 31 मार्च को जब क्षेत्र में काम शुरू किया था, तो हम घरों के गेट खटखटाते तो लोग खोलने को तैयार नहीं थे।
बेटे के सामने तहसीलदार ने किया अंतिम संस्कार
भोपाल. कोरोना ने मानवीय रिश्तों को भी तार-तार कर दिया है । बीमारी का खौफ ऐसा कि एक बेटे ने कोरोना से मृत पिता को मुखाग्नि तक नहीं दी. अफसर समझाते रहे कि जो लोग इलाज कर रहे हैं, मौत के बाद शव को मर्च्यूरी में रख रहे हैं, वे सब भी इंसान ही हैं। बावजूद इसके बेटा पिता को मुखाग्नि देने का फर्ज अदा करने को तैयार नहीं हुआ। आखिरकार बैरागढ़ तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने अंतिम संस्कार किया।
बाद में किया इंकार
हालांकि मामला सामने आने के बाद बेटे ने इसका आरोप तहसीलदार पर ही मढ़ दिया औऱ कहा है कि मैं तो मुखाग्नी देना चाहता था, लेकिन तहसीलदार ने धमकाकर जबरन लिखवाकर लिया कि मैं अंतिम संस्कार नहीं करना चाहता.
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