श्रद्धा और उत्साह से भरी तीर्थयात्रा — महासमुंद जिले से 323 श्रद्धालु हुए रवाना

रायपुर। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत आज महासमुंद जिले के पाँचों विकासखंडों से कुल 323 श्रद्धालु 18 बसों के माध्यम से पवित्र तीर्थस्थलों — प्रयागराज, हनुमानगढ़ और काशी विश्वनाथ — के दर्शन हेतु रवाना हुए। यह पाँच दिवसीय तीर्थयात्रा 27 से 31 अक्टूबर 2025 तक आयोजित की गई है। रवाना होने से पहले सभी श्रद्धालुओं का मेडिकल चेकअप कराया गया, जिससे उनकी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो सके।
महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर श्रद्धालुओं को शुभकामनाओं के साथ रवाना किया। इस अवसर पर नगर पालिका उपाध्यक्ष देवी चंद राठी, येतराम साहू, पवन पटेल, महेंद्र सिक्का, राजू चंद्राकर, माखन पटेल, मीना वर्मा, रिंकू चंद्राकर, शरद मराठा, राकेश चंद्राकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि, समाज कल्याण विभाग, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
विधायक सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा —
“मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा आरंभ की गई थी, किंतु पूर्ववर्ती सरकार के पांच वर्षों में यह योजना ठप रही। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस जनकल्याणकारी योजना को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिससे प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को आस्था और संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिल रहा है।”
उन्होंने श्रद्धालुओं को फूलमाला पहनाकर एवं तिलक लगाकर शुभकामनाएं दीं।
योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के श्रद्धालु पात्र हैं। यदि पति-पत्नी साथ यात्रा करना चाहें तो एक को आयु सीमा में छूट दी जाती है। शासन द्वारा प्रति माह चयनित श्रद्धालुओं को नि:शुल्क तीर्थदर्शन कराया जाएगा, जिसमें यात्रा, ठहराव और भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की जाती है। यह योजना न केवल धार्मिक आस्था को बल देती है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को भी सुदृढ़ करती है।
इस यात्रा में —
महासमुंद से 52
बागबाहरा से 47
पिथौरा से 50
बसना से 40
सरायपाली से 43
नगरपालिका महासमुंद से 50
बागबाहरा से 6
सरायपाली से 15
तुमगांव से 6
पिथौरा से 6
नगर पंचायत बसना से 5 श्रद्धालु
सहित कुल 9 अनुरक्षक शामिल हैं।
श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। सुखिया ध्रुव (मचेवा), दुलारी साहू (बागबाहरा), फौज सिंह, ठाकुर दीवान, रेखा प्रधान (पिथौरा) सहित सभी श्रद्धालुओं ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इस योजना को “जीवन का एक अविस्मरणीय पड़ाव” बताया।


