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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शर्मसार करने वाला मामला: छात्रा गर्भवती, प्रशासन मौन!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भोपालपटनम में एक सरकारी कन्या आश्रम में पढ़ रही 12वीं कक्षा की छात्रा के गर्भवती होने से प्रशासन और शिक्षा व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े हो गए हैं। 4 महीने की गर्भवती यह छात्रा तब सामने आई जब पेट दर्द और चक्कर आने की शिकायत के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। अब सवाल यह है कि आखिर छात्रावास में क्या हो रहा है, और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी?

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सकते में हैं, पर FIR दर्ज नहीं की गई। मामले की संवेदनशीलता के बावजूद विभाग की चुप्पी चौंकाने वाली है।

अब कांग्रेस ने सक्रियता दिखाई है। भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी की अगुआई में 9 सदस्यीय महिला जांच दल गठित किया गया है जो 26 जुलाई को भोपालपटनम जाकर पीड़िता से मुलाकात करेगा।

राजनीति भी गरमाई है।

बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ‘‘यह सुशासन नहीं, भाजपा सरकार की नाकामी है। छात्रावास भी अब असुरक्षित हैं।’’
उनका आरोप है कि भाजपा और विष्णुदेव साय की सरकार सिर्फ भाषण देती है, ज़मीन पर कुछ नहीं करती।

मामला क्या है?

छात्रा 10 जुलाई को छुट्टी के बाद आश्रम लौटी थी। 20 जुलाई को तबीयत बिगड़ी, तो अधीक्षिका तोंडेश्वरी शेट्टी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जांच में सामने आया कि छात्रा चार माह की गर्भवती है।
अब अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मां उसे रिश्तेदारों के घर ले गई है। आश्रम की अधीक्षिका और मंडल संयोजक एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।
न तो समय रहते निगरानी की गई, न ही छात्रा की हालत को गंभीरता से लिया गया।

सहायक आयुक्त देवेंद्र सिंह ने कहा है कि जानकारी जुटाई जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी कार्रवाई का इंतजार क्यों?

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