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पितृपक्ष में पितरों की कृपा पाने का सरल उपाय – आटे का दीपक जलाएं इस दिशा में

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का समय अत्यंत शुभ और पवित्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज पृथ्वी लोक पर आते हैं और अपने परिवारजनों को आशीर्वाद देते हैं। उनके स्वागत के लिए हम पिंडदान, श्राद्ध, और तर्पण जैसे कर्म करते हैं, साथ ही ब्राह्मण भोज और पशु-पक्षियों को अन्न देना भी इस परंपरा का हिस्सा है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृपक्ष में आटे का दीपक जलाना भी विशेष महत्व रखता है? इसे जलाने के विशेष नियम और दिशा होती है, जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।

आटे के दीपक को जलाने की सही दिशा और समय

आटे से दीपक बनाकर घर के मुख्य द्वार पर या दक्षिण दिशा में जलाना शुभ माना गया है।

इसे प्रदोष काल (शाम के समय) में जलाएं और पितरों के मंत्रों का जाप करें।

यदि घर में आर्थिक तंगी हो, तो दीपक में थोड़े से काले तिल डालें – इससे नकारात्मकता दूर होती है और सुख-समृद्धि आती है।

पितृपक्ष में आटे का दीपक – लाभ और महत्व

पितृ दोष से मुक्ति

पूर्वजों की आत्मा को शांति

घर में सुख, समृद्धि और शांति

बाधाओं का निवारण और कार्यों में सफलता

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